Move to Jagran APP

सरप्लस पूंजी के ट्रांसफर से गिर सकती है RBI की रेटिंग, पूर्व गवर्नर राजन ने चेताया

इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रिजर्व बैंक सरकार को 1-3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी ट्रांसफर कर सकता है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 09:02 AM (IST)
सरप्लस पूंजी के ट्रांसफर से गिर सकती है RBI की रेटिंग, पूर्व गवर्नर राजन ने चेताया
सरप्लस पूंजी के ट्रांसफर से गिर सकती है RBI की रेटिंग, पूर्व गवर्नर राजन ने चेताया

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि अगर केंद्रीय बैंक के पास मौजूद सरप्लस पूंजी का कोई हिस्सा सरकार को ट्रांसफर किया जाता है, तो इससे आरबीआई की रेटिंग में गिरावट आ सकती है।

prime article banner

फिलहाल आरबीआई की रेटिंग ‘’AAA’’ है और अगर इसमें गिरावट आती है तो आरबीआई के कर्ज लेने में मुश्किलें आएंगी और उसे ज्यादा ब्याज दर का भुगतान करना होगा, जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर होगा।

आरबीआई के सुरक्षित कोष से सरकार को रकम ट्रांसफर किए जाने की स्थिति में रेटिंग में होने वाली कटौती के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा, ‘ऐसा हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी रकम ली जाती है। फिलहाल यह मुद्दा नहीं है। लेकिन कुछ समय बाद यह मुद्दा हो सकता है। यह एक चिंता है।’

राजन ने कहा कि आरबीआई के सुरक्षित कोष से रकम ट्रांसफर किए जाने के मामले में किसी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए सरकार और आरबीआई को चर्चा करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हम Baa की रेटिंग वाले देश हैं। यह इनवेस्टमेंट ग्रेड नहीं है। कई बार हमें अंतरराष्ट्रीय बाजार से पैसे लेने पड़ते हैं और इसके लिए बेहद अच्छी रेटिंग की जरूरत होती है। जैसा कि हमने 2013 में किया। इसलिए हमारी बैलेंस शीट शानदार होनी चाहिए।’

राजन ने कहा कि आरबीआई का मुनाफा रुपये के अवमूल्यन से आता है और आपातकालीन कोष को अलग रखते हुए केंद्रीय बैंक पूरा मुनाफा सरकार को दे देता है। उन्होंने कहा, ‘आरबीआई मुनाफे का भुगतान कर सकता है। न कि आपातकालीन फंड। मसलन रुपये का हुआ अवमूल्यन सुधर सकता है। इसलिए हमें उसके लिए तैयार रहना चाहिए।’

गौरतलब है कि इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रिजर्व बैंक सरकार को 1-3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी ट्रांसफर कर सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) पर प्रस्तावित समिति 1-3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त रिजर्व की पहचान कर सकती है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का 0.5-1.6 प्रतिशत है।'

अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके स्ट्रेस टेस्ट (तनाव परीक्षण) के मुताबिक अतिरिक्त आकस्मिक रिजर्व के सीमित इस्तेमाल की स्थिति में आरबीआई सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर सकता है। लेकिन, यदि कुल अतिरिक्त रिजर्व इस्तेमाल करने का निर्णय लिया जाता है तो यह रकम बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

यदि आकस्मिक रिजर्व कुल आरबीआई बुक के 3.5 प्रतिशत पर सीमित रखा जाता है तो इस स्थिति में सरकार को 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बावजूद इसके रिजर्व बैंक के पास आकस्मिक रिजर्व का स्तर भारत को छोड़कर अन्य ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के औसत से 75 प्रतिशत ज्यादा रहेगा।

आरबीआई के सुरक्षित कोष का एक हिस्सा सरकार को दिए जाने के अलावा अन्य कई मुद्दों पर सरकार के साथ उसके मतभेद रहे हैं। माना जाता है कि इन्हीं वजह से आरबीआई के गवर्नर पद से ऊर्जित पटेल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। ऊर्जित पटेल के बाद शक्तिकांत दास केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर बने हैं।

 यह भी पढ़ें: कृषि कर्ज माफी चुनावी वायदों का हिस्सा नहीं होना चाहिए: रघुराम राजन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.