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शेयर समीक्षा: तिमाही नतीजे, रुपया और विदेशी रुख पर रहेगी बाजार की नजर

जानकार मानते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी इस वक्त करीब-करीब अपने निचले स्तर पर हैं और स्थिति बेहतर होने के संकेत हैं। लेकिन इसमें अब और गिरावट नहीं होगी, यह कह पाना ठीक नहीं होगा।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 10:37 AM (IST)
शेयर समीक्षा: तिमाही नतीजे, रुपया और विदेशी रुख पर रहेगी बाजार की नजर
शेयर समीक्षा: तिमाही नतीजे, रुपया और विदेशी रुख पर रहेगी बाजार की नजर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पिछले कुछ समय से शेयर बाजारों में दिख रही अस्थिरता आने वाले सप्ताह और उसके आगे भी थोड़ी-बहुत दिखती रहेगी। जिन वजहों ने पिछले तीन-चार सप्ताह से शेयर बाजारों को डराए रखा है, वे अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।

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जानकारों का मानना है कि पिछले दो हफ्ते की तरह शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के आ रहे तिमाही नतीजे और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर ही निवेशक इस सप्ताह भी अपनी प्रतिक्रिया और बाजार को दिशा देंगे। इसके साथ ही उनकी नजर अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों पर भी रहेगी, जिनसे वे सीधे संकेत लेते रहे हैं। पिछले सप्ताह बीएसई-सेंसेक्स और एनएसई-निफ्टी दोनों लगातार दूसरी साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए थे।

वैश्विक बाजार का हाल:

एशियाई बाजारों ने आज मिला-जुला कारोबार शुरु किया है। सुबह आठ बजे के आस पास जापान का निक्केई 0.04 फीसद की बढ़त के साथ 21192 पर, चीन का शांघाई 1.13 फीसद की गिरावट के साथ 2569 पर, हैंगसेंग 24692 पर और ताइवान का कॉस्पी 0.31 फीसद की गिरावट के साथ 2020 पर कारोबार करता देखा गया। वहीं अगर अमेरिकी बाजार की बात करें तो बीते दिन डाओ जोंस 1.19 फीसद की गिरावट के साथ 24688 पर, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 1.73 फीसद की गिरावट के साथ 2658 पर और नैस्डैक 2.07 फीसद की गिरावट के साथ 7167 पर बंद हुआ था।

एक्सपर्ट का नजरिया: इस सप्ताह शेयर बाजारों की संभावित चाल पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘पिछले कम से कम दो महीनों से घरेलू शेयर बाजार करेक्शन की राह पर हैं। अगर कुछ तकनीकी पहलुओं की तरफ देखें, तो निकट भविष्य में बाजार को निश्चित तौर पर कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। तिमाही नतीजों की रफ्तार अब तेज होगी और निवेशक कंपनियों की अनुमानित और वास्तविक नतीजों की तुलना के हिसाब से उनमें निवेश में रुचि लेंगे।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर ग्लोबल शेयर बाजारों की अस्थिरता और कुछ समय तक जारी रहती है, तो निवेशक स्वर्ण या बांड जैसे निवेश उपकरणों को सुरक्षित समझ इक्विटी बाजार से दूर हो सकते हैं।

इस हफ्ते आने वाले प्रमुख नतीजे?

इस सप्ताह बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), टेक महिंद्रा, अडानी पावर, केनरा बैंक, ल्यूपिन, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के वित्तीय नतीजे प्रस्तावित हैं।

एमके वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा, ‘हालांकि पिछले कुछ समय में बाजार खासा टूटा है और यह लगभग निचले स्तर पर आ चुका है। इसके बावजूद संभावित गिरावट को नकारा नहीं जा सकता।’

आठ कंपनियों का पूंजीकरण 1.35 करोड़ रुपये गिरा: पिछले सप्ताह बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 1,35,162.15 करोड़ रुपये गिर गया। इनमें टीसीएस, आरआइएल, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, आइटीसी, एचयूएल, एसबीआइ और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। केवल आइसीआइसीआइ बैंक और एचडीएफसी अपना पूंजीकरण बढ़ाने में कामयाब रहीं। अकेले टीसीएस के बाजार पूंजीकरण में 44,071.8 करोड़ रुपये की गिरावट आई, जबकि आरआइएल ने पूंजीकरण में से 36,097.6 करोड़ रुपये गंवाए। आइटीसी का बाजार पूंजीकरण 9,549.33 करोड़ रुपये, जबकि एसबीआइ का पूंजीकरण 11,378.9 करोड़ रुपये गिर गया।


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