वित्त वर्ष 2018 में सरकारी बैंकों ने रिकवर किया 64,106 करोड़ रुपये का NPA
वित्तीय वर्ष 2017-18 में बकायादारों से वास्तविक वसूली के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के फंसे कर्जों (एनपीए) में 64,106 करोड़ रुपये की कमी आई है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीते वित्त वर्ष के दौरान सरकारी बैंकों के एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) में 64,106 करोड़ रुपये की कमी आई है। यानी इतने रुपयों की रिकवरी हो चुकी है। यह खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है।
हालांकि, 31 मार्च को वित्त वर्ष की समाप्ति के समय इन बैंकों का सकल फंसा कर्ज (ग्रॉस एनपीए) बढ़ते-बढ़ते 8,95,601 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था।
आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ की ओर से आरटीआई दाखिल करने के बाद आरबीआई के 24 अगस्त को भेजे जवाब से यह बात सामने आई है कि वित्त वर्ष 2016-17 की समाप्ति के समय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का फंसा कर्ज 53,250 करोड़ रुपये के स्तर पर था। वित्त वर्ष 2015-16 की समाप्ति के समय इन बैंकों को 40,903 करोड़ रुपये के फंसे लोन वसूलने थे।
वहीं बकायादारों से वास्तविक वसूली के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के फंसे कर्ज वित्त वर्ष 2016-17 में 6,84,732 करोड़ रुपये घट गए थे। जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में बकाया वसूली के चलते इन बैंकों के फंसे कर्जों में 5,39,968 करोड़ रुपये की कमी आई थी।
गौरतलब है कि देश में 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं। हालांकि, आरटीआई के तहत भेजे जवाब में शीर्ष बैंक ने एनपीए और कर्ज वसूली को लेकर कोई ब्योरा नहीं दिया है।