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सरकारी बैंक आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत खरीदेंगे 14,667 करोड़ के NBFC बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र: वित्त मंत्री

NBFC को लिक्विडिटी सपोर्ट देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना का पुर्नोत्थान किया गया था।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 08:08 AM (IST)
सरकारी बैंक आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत खरीदेंगे 14,667 करोड़ के NBFC बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र: वित्त मंत्री
सरकारी बैंक आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत खरीदेंगे 14,667 करोड़ के NBFC बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र: वित्त मंत्री

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी बैंकों ने बढ़ी हुई आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना (PCGS) के तहत 67 गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों  (NBFCs) द्वारा जारी 14,667 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्रों को खरीदने की योजना को अनुमति दी है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इस राशि में से 6,845 करोड़ रुपये AA से नीचे की रेटिंग वाले बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों के लिए है, जो कम रेटिंग व वाले बॉन्ड्स व कमर्शियल पेपर्स के साथ एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट प्रदान करेंगे।

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एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना का पुर्नोत्थान किया गया था। इसमें एनबीएफसी द्वारा जारी एए व इससे निचली रेटिंग वाले बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्रों की सरकारी बैंकों द्वारा खरीदारी के लिए उन्हें 20 फीसद पोर्टफोलियो गारंटी प्रदान करना शामिल था।

वित्त मंत्री ने ट्वीट कर खरीदारी के लिए अनुमति वाले एनबीएफसी द्वारा जारी बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों का क्षेत्रवार ब्यौरा दिया है। इसके अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में 12 एनबीएफसी के 3,060 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्र, पूर्वी व उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 3 एनबीएफसी के 1,357 करोड़ के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र, पश्चिमी क्षेत्र में 29 एनबीएफसी के 4,540 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्र व दक्षिणी क्षेत्र में 23 एनबीएफसी के 5,710 करोड़ रुपये के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र शामिल हैं। इस तरह कुल 67 एनबीएफसी के 14,667 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों की खरीद की अनुमति मिली है।

सरकार ने COVID-19 प्रकोप के कारण आई मांग व निजी निवेश में गिरावट के चलते संकट से जूझ रहे विभिन्न सेक्टर्स की मदद के लिए पिछले हफ्तों में कई कदम उठाए हैं। 


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