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लोन मेले में बंटा 2.52 लाख करोड़ का कर्ज, अक्टूबर महीने में 374 जिलों में बैंकों की तरफ लगे कैंप

जबकि 46800 करोड़ रुपये की राशि बतौर कर्ज वर्किग कैपिटल के तौर पर छोटे व मझोले उद्यमियों को दिए गए हैं।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 08:22 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 09:34 AM (IST)
लोन मेले में बंटा 2.52 लाख करोड़ का कर्ज, अक्टूबर महीने में 374 जिलों में बैंकों की तरफ लगे कैंप
लोन मेले में बंटा 2.52 लाख करोड़ का कर्ज, अक्टूबर महीने में 374 जिलों में बैंकों की तरफ लगे कैंप

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्ज बांट कर उपभोक्ता मांग बढ़ाने में जुटी केंद्र सरकार की कोशिशों का असर होता दिख रहा है। पिछले महीने यानी त्योहारों के मौसम में सरकारी बैंकों की तरफ से शाखाओं के जरिए और जगह जगह लोन मेला लगा कर कुल 2.52 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गये। ये कर्ज 374 जिलों में वितरित हुए। यह पहला मौका था जब सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए तकनीकी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। इस दौरान नए बैंक ग्राहक बनाने का काम भी खूब हुआ।

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सरकार के निर्देश पर बैंकों ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी इस दौरान फंड उपलब्ध कराने में उदारता दिखाई और कुल 19,627.26 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे। वित्त मंत्री ने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ एक बैठक कर देश भर में लोन मेला लगाने का निर्देश दिया था।वित्त मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराये गये डाटा के मुताबिक कुल 2,52,589 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गये हैं। इसमें से 1,05,599 करोड़ रुपये का कर्ज पहली बार बने ग्राहकों को दिये गये हैं। जबकि 46,800 करोड़ रुपये की राशि बतौर कर्ज वर्किग कैपिटल के तौर पर छोटे व मझोले उद्यमियों को दिए गए हैं।

बताते चलें कि सरकारी बैंकों ने पहला लोन वितरण अभियान 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक और बाद में 9 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू किया था। पहले चरण में 81.695 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 1,70,893 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गये। इस दौरान 12,166 करोड़ रुपये की राशि होम लोन के रूप में, वाहन लोन के मद में 7.085 करोड़ रुपये की राशि, 425 करोड़ रुपये का शिक्षा लोन, 15,250 करोड़ रुपये की राशि अन्य व्यक्तिगत लोन, एमएसएमई लोन के मद में 37,210 करोड़ रुपये, 40,504 करोड़ रुपये कृषि लोन के मद में वितरित किये गये हैं। इस डाटा के आने के बाद माना जा रहा है कि देश में उपभोक्ता उत्पादों खास तौर पर घरेलू उपकरणों की मांग में थमी सुस्ती का दौर कुछ हद तक दूर होगा। अक्टूबर के महीने के दौरान वाहन बिक्री की रफ्तार भी थोड़ी सुधरी है जिसके लिए ज्यादा बंटे आटो लोन को जिम्मेदार बताया जा रहा है।


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