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आम करदाताओं के उत्‍पीड़न पर लगेगी रोक, सरकार ला रही है टैक्‍सपेयर्स चार्टर : निर्मला सीतारमण

आम बजट में आयकर की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर खास ध्यान दिया गया है ताकि आयकर उत्पीड़न को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:35 AM (IST)
आम करदाताओं के उत्‍पीड़न पर लगेगी रोक, सरकार ला रही है टैक्‍सपेयर्स चार्टर : निर्मला सीतारमण
आम करदाताओं के उत्‍पीड़न पर लगेगी रोक, सरकार ला रही है टैक्‍सपेयर्स चार्टर : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया है कि पिछले एक वर्ष के दौरान सरकार को उद्योगों व आम जनता की तरफ से टैक्स उत्पीड़न की काफी शिकायतें मिली है। खासतौर पर पिछला आम बजट पेश करने के बाद से इस बारे में शिकायतें बढ़ी हैं। यहां तक कि उद्योग जगत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकातों में भी आयकर अधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न संबंधी शिकायतें की हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान और बीते शनिवार को पेश आम बजट में आयकर की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर खास ध्यान दिया गया है ताकि आयकर उत्पीड़न को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। 

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इसी उद्देश्य से टैक्सपेयर्स चार्टर लाने का फैसला किया गया है। यह अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया में लागू नियमों के आधार पर होगा। सरकार की मंशा ऐसी व्यवस्था भी करने की है जिससे आयकर नियम उल्लंघन के सामान्य मामलों में करदाताओं को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित नहीं होना पड़े। 

वित्त मंत्री के स्तर पर पहली बार यह स्वीकार किया गया है कि आयकर विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर करदाताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं। हाल के महीनों में कई बड़े उद्यमियों ने भी परोक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर ऐसी शिकायत की है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्थिति को सुधारने के लिए वह लगातार कोशिश करती रही हैं। 

पिछले दिनों आयकर नोटिस में डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) जारी करने के आदेश के पीछे उद्देश्य यही था। सीतारमण ने कहा, 'अगर किसी आयकर दाता को ऐसा नोटिस मिला है जिसमें डीआइएन नहीं है तो मैं उसे कह रही हूं कि वह उसे रद्दी के टोकरी में फेंक दे। आयकर अधिकारी पूछें तो साफ बता दे कि डीआइएन नहीं था इसलिए रद्दी में फेंक दिया है।'

वित्त मंत्री के मुताबिक पीएम की भी यही भावना है कि सामान्य करदाता जिस सम्मान का अधिकारी है, उसे वह मिलना चाहिए। टैक्सपेयर्स चार्टर का कायदा-कानून केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को तैयार करने को कहा गया है। इसकी सबसे बड़ी बात यह होगी कि इसमें आयकर भुगतान करने वाले को संदेह की नजर से नहीं देखा जाएगा। 

इसमें एक व्यक्तिगत आयकर दाता के क्या अधिकार हैं, इसका साफ तौर पर विवरण होगा। साथ ही आयकर विभाग के दायित्वों व अधिकारों का भी विवरण होगा। इसमें करदाताओं की निजता की रक्षा व्यवस्था भी होगी और इस बारे में सरकारी विभाग की तरफ से उल्लंघन होने पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान होगा। आयकर दाता से जुड़ी सूचना कानूनी अनुमति के बगैर सार्वजनिक नहीं की जा सकेगी।


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