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35,000 करोड़ के स्टील आयात को खत्म करने की तैयारी: आरसीपी सिंह

कोरोना काल के बाद से स्टील की खपत लगातार बढ़ती जा रही है और देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की तैयारी को देखते हुए स्टील की खपत में और तेजी आने की संभावना है। इसके आयात को कम करने के लिए कई कदम उठाने जा रही है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 08:02 PM (IST)
35,000 करोड़ के स्टील आयात को खत्म करने की तैयारी: आरसीपी सिंह
Preparing to eliminate steel imports worth Rs 35000 crore says RCP Singh

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना काल के बाद से स्टील की खपत लगातार बढ़ती जा रही है और देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की तैयारी को देखते हुए स्टील की खपत में और तेजी आने की संभावना है। सरकार भी स्टील के उत्पादन में बढोतरी से लेकर इसके आयात को कम करने के लिए कई कदम उठाने जा रही है। सरकार की इन तमाम तैयारियों पर स्टील मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह से दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता राजीव कुमार ने बात की। बातचीत के अंश

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प्रश्न: स्टील के उत्पादन को कैसे बढ़ाएंगे?

उत्तर: स्टील के उत्पादन के लिए जरूरी लौह अयस्क की हमारे देश में कोई कमी नहीं है। हालांकि खास तरह के स्टील का उत्पादन नहीं होता है जिस कारण हमें इसे आयात करना पड़ता है। आयात को खत्म करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए हम प्रोडक्शन ¨लक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम ला रहे हैं।

प्रश्न: पीएलआइ स्कीम कब आ रही है?

उत्तर: स्कीम के तहत पांच साल में 6322 करोड़ रुपये के इंसेंटिव उत्पादन में इंक्रीमेंटल बढ़ोतरी पर दिए जाएंगे, लेकिन पीएलआइ स्कीम खास किस्म के स्टील उत्पादन के लिए होगी। भारत सालाना 35,000 करोड़ रुपये के खास किस्म के स्टील का आयात करता है। स्कीम के लागू होने से ये रुपये बचेंगे।

प्रश्न: पीएलआइ की प्रक्रिया कब तक शुरू हो जाएगी?

उत्तर: सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। नियमावली भी तैयार है। अक्टूबर तक गाइडलाइंस जारी कर दी जाएगी।

प्रश्न: स्टील की बढ़ती कीमत को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

उत्तर: स्टील के लिए कोई नियामक नहीं है और इसकी कीमत मांग और आपूर्ति पर निर्भर है। महामारी के बाद स्टील की मांग बढ़ी है, जिसके चलते कीमतें बढ़ी हैं।

प्रश्न: तो स्टील की कीमतों को कैसे कम करेंगे ताकि छोटे उद्यमियों को राहत मिल सके?

उत्तर: एक तो उत्पादन में बढ़ोतरी करना और दूसरी महत्वपूर्ण चीज है उत्पादन लागत कम करना। भारत के स्टील उत्पादन में 86 फीसद हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की है। जबकि 14 फीसद हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है। सरकार दोनों प्रकार की कंपनियों से बात कर रही है।

प्रश्न: आपने उत्पादन बढ़ाने की बात की, कहां तक ले जाना चाहते हैं इसे?

उत्तर: वर्ष 2030 तक स्टील उत्पादन को 30 करोड़ टन तक ले जाने का लक्ष्य है जो फिलहाल 10 से 11 करोड़ टन है। उत्पादन बढ़ाना इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि बिना स्टील के इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण संभव नहीं है। अब तो हम ग्रामीण क्षेत्र में स्टील के मकान को लेकर भी विचार कर रहे हैं।

प्रश्न: ग्रामीण क्षेत्र में कैसे स्टील का मकान बनाएंगे?

उत्तर: हम स्टील से बनने वाले मकान की कीमत और उसकी विस्तृत जानकारी ले रहे हैं। इसके पीछे सोच यह है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जो मकान बनाए जा रहे हैं, उनके लिए चरणबद्ध तरीके से पैसे दिए जाते हैं और मकान बनने में भी समय लगता है। स्टील से बनने वाले मकान को सिर्फ तय जगह पर फिट करना होगा। यह महीने भर से कम समय में तैयार हो सकता है।


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