शेयर बाजार में प्री-इलेक्शन रैली, चुनावी तारीखों के एलान के बाद 1,300 अंक उछला सेंसेक्स
चुनाव पूर्व बाजार में हुई रैली के दम पर सेंसेक्स जहां पिछले एक हफ्ते में 1300 से अधिक अंक उछल चुका है वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 350 से अधिक अंक उछलकर 11500 के स्तर के पार बंद हुआ है।
नई दिल्ली (अभिषेक पराशर)। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद लगातार सातवें दिन भी बाजार मजबूती के साथ बंद हुआ है।
चुनाव पूर्व बाजार में हुई रैली के दम पर सेंसेक्स जहां पिछले एक हफ्ते में 1300 से अधिक अंक उछल चुका है, वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 350 से अधिक अंक उछलकर 11,500 के स्तर के पार बंद हुआ है।
सत्तारुढ़ पार्टी की बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की उम्मीद, 2018 के मुकाबले 2019 में शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का निवेश, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में आई तेजी और रेटिंग एजेंसियों के बुलिश रुख का फायदा शेयर बाजार को मिला है।
10 अप्रैल की शाम को चुनाव आयोग ने सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद अगले दिन सेंसेक्स जहां 382.67 अंकों की तेजी के साथ 37,054.10 पर बंद हुआ था, वहीं निफ्टी 140.9 अंकों की तेजी के साथ 11,176.30 पर बंद हुआ।
बाजार में आई यह तेजी आज सातवें ट्रेडिंग सेशंस में भी जारी रही। पिछले दो हफ्तों के दौरान मॉर्गन स्टैनली, एचएसबीसी, बीएनबी पारिबा और गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय बाजार पर भरोसा दिखाते हुए बाजार में तेजी की उम्मीद जताई है।
मॉर्गन स्टैनली ने जहां दिसंबर अंत तक सेंसेक्स के 42,000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई है, वहीं गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग में सुधार कर उसे ''ओवरवेट'' कर दिया है।
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक अगर चुनावी नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहते हैं, तो भारतीय बाजार में बुल रन की शुरुआत हो सकती है और सेंसेक्स 47,000 के स्तर तक जा सकता है।
2018 को सेंसेक्स 38,989.65 के स्तर को छूने में सफल रहा था, जो अब तक का ऊच्चतम स्तर है।
एचएसबीसी ने भी भारतीय बाजार के आउटलुक को ''न्यूट्रल'' से बढ़ाकर ''ओवरवेट'' कर दिया है।
विदेशी निवेशकों का बदला रुझान: चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी की तेज होती आशंका के बीच प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद को लेकर भी उभरते बाजारों को लेकर एफआईआई की धारणा मजबूत हुई है।
फरवरी महीने में भारतीय शेयर बाजार में 2.42 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी आया, जो पिछले 15 महीनों में सबसे अधिक है। 2018 में भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों ने कुल 4.4 अरब डॉलर की निकासी की थी, जिसके बाद हुए इस बड़े निवेश से बाजार को ताकत मिली है।
इसके अलावा डॉलर की कमजोरी का फायदा रुपये को मिला है, जिसका फायदा बाजार को मिलता नजर आ रहा है। 2018 के नुकसान की भरपाई करते हुए रुपया 7 महीनों की ऊंचाई पर जाने में सफल रहा है।
गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा के लिए मतदान की शुरुआत 11 अप्रैल को होगी, जो सात चरणों में होते हुए 19 मई को खत्म होगा। मतगणना 23 मई को होगी।
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