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PPF नियमों में हुए कई नए बदलाव, यहां मिलेगी हर आवश्यक जानकारी

PPF Account की मेच्योरिटी की अवधि 15 साल होती है। हालांकि कुछ खास परिस्थितियों में अकाउंट खोलवाने के पांच साल बाद आप पीपीएफ अकाउंट को क्लोज करा सकते हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 10:32 AM (IST)
PPF नियमों में हुए कई नए बदलाव, यहां मिलेगी हर आवश्यक जानकारी
PPF नियमों में हुए कई नए बदलाव, यहां मिलेगी हर आवश्यक जानकारी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के समय में नौकरी पेशा कर रहा हर व्यक्ति अपने सेविंग फंड में एक अच्छी राशि रखना चाहता है ताकि उसे भविष्य में किसी चीज को लेकर दिक्कत ना हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में बहुत कम आयु में सेविंग करने का चलन बढ़ा है। PPF इससे जुड़ा एक पॉपुलर स्कीम है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने हाल में Public Provident Fund (PPF) से जुड़े नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम 2019 तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। ऐसे में अगर आपका पीपीएफ अकाउंट है या आप नया पीपीएफ अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो आपको नए नियमों के बारे में जरूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए।

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आइए विस्तार से जानते हैं नए नियमों के बारे में:

  • पीपीएफ अकाउंट की संख्याः कोई भी व्यक्ति फॉर्म-1 में आवेदन करके अकाउंट खुलवा सकता है। अगर आप किसी नाबालिग के गार्जियन हैं तो भी उसके नाम पर खाता खुलवा सकते हैं। हालांकि, संयुक्त रूप से अकाउंट खुलवाने का प्रावधान नहीं है। 
  • नए पीपीएफ नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 50 के गुणक में कितनी भी बार पैसे जमा कर सकता है। हालांकि, एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये से अधिक राशि जमा नहीं की जा सकती है। अगर आपने खुद का पीपीएफ अकाउंट खुलवा है और किसी नाबालिग के नाम से भी अकाउंट खुलवाया है तो दोनों का मिलाकर भी राशि इस सीमा से ऊपर नहीं जा सकती है। पूर्व के नियमों के मुताबिक एक साल में 12 बार से अधिक जमा नहीं किया जा सकता था। 
  • पीपीएफ अकाउंट की मेच्योरिटी की अवधि 15 साल होती है। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में अकाउंट खोलवाने के पांच साल बाद आप पीपीएफ अकाउंट को क्लोज करा सकते हैं। मेच्योरिटी से पहले पीपीएफ अकाउंट बंद कराने पर खाताधारक को जिस दर से ब्याज मिला होगा, उससे एक फीसद कम ब्याज मिलेगा। 
  • आप पीपीएफ अकाउंट से लोन ले सकते हैं। अपने अकाउंट से लोन लेने पर ब्याज दर को घटाकर एक फीसद कर दिया गया है। खाताधारक की मौत होने पर उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को अकाउंट होल्डर द्वारा लिए गए लोन पर ब्याज देना होगा। बाद में अकाउंट को फाइनल क्लोज करने के समय इस राशि को समायोजित कर दिया जाएगा। 

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