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नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने 3651 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया

शुक्रवार को आयकर विभाग ने कहा कि नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों के खिलाफ देश भर में की गई कार्रवाई में उसने 3,651 करोड़ रुपए अघोषित आय का पता लगाया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Sat, 24 Dec 2016 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 24 Dec 2016 03:17 PM (IST)
नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने 3651 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया

नई दिल्ली। शुक्रवार को आयकर विभाग ने कहा कि नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों के खिलाफ देश भर में की गई कार्रवाई में उसने 3,651 करोड़ रुपए अघोषित आय का पता लगाया है। वहीं दूसरी ओर 98 करोड़ रुपए से ज्यादा के नए नोट जब्त किए गए है।

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आधिकारिक सूत्रों ने कहना है कि कर अधिकारियों ने आठ नवंबर को सरकार की ओर से लगाई गई नोटबंदी के बाद आयकर कानून के प्रावधानों के तहत देश भर में 785 तलाशी, सर्वे और जांच कार्रवाई की गई हैं। इतना ही नहीं विभाग ने टैक्स चोरी और हवाला जैसे सौदों को लेकर बीते गुरुवार तक 3,647 नोटिस जारी किए हैं। इसी अवधि में आयकर विभाग ने 522 करोड़ रुपए मूल्य के नकद और आभूषण जब्त किए हैं। इसमें 433 करोड़ रुपए का नकद था। इस दौरान 98 करोड़ रुपए से ज्यादा के नए नोट जब्त किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ‘‘इस कार्रवाई के तहत 22 दिसंबर तक कुल 3,651 करोड़ रुपए से ज्यादा की अघोषित आय का पता लगाया गया है।’’ एजेंसी ने 230 से ज्यादा के मामले प्रवर्तन निदेशालय और 190 मामले सीबीआई को सौंपे हैं।

आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 67.54 लाख लोगों की हुई पहचान
नोटबंदी से कालेधन पर चोट करने के बाद सरकार अब कर चोरी करने वालों को पकड़ने में जुट गई है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए आयकर विभाग ने 67.54 लाख लोगों की पहचान की है, जिन्होंने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान बड़े लेनदेन करने के बावजूद कोई रिटर्न दाखिल नहीं किया है। विभाग अब ऐसे लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।

गुरुवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि विभाग ने नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की यह सूची तैयार की है। आयकर विभाग का सिस्टम महानिदेशालय वार्षिक सूचना रिटर्न, केंद्रीय सूचना ब्रांच और टीडीएस तथा टीसीएस के आंकड़ों का विश्लेषण करके पता लगाया है। सीबीडीटी के मुताबिक, आयकर विभाग ने पांचवे दौर के आंकड़ों का परीक्षण कर 67.54 लाख लोगों की पहचान की है। इन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया। हालांकि वित्त वर्ष 2014-15 में इन लोगों ने बड़े लेनदेन किए, लेकिन आकलन वर्ष 2015-16 में रिटर्न दाखिल नहीं किया।


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