नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई नकदी में से 3 से 4 लाख की रकम कालाधन: रिपोर्ट
नोटबंदी के फैसले के ठीक दो महीने बाद बैंकों में जमा हुई कुल रकम के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि इनमे से करीब 3 से 4 लाख करोड़ की रकम कालाधन है
नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के ठीक दो महीने बाद बैंकों में जमा हुई कुल रकम के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि इनमे से करीब 3 से 4 लाख करोड़ की रकम कालाधन (जिस रकम पर टैक्स अदा न किया गया हो) है। यह खुलासा एक रिपोर्ट के जरिए हुआ है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह रकम नोटबंदी के फैसले के बाद अगले 50 दिन के भीतर बैंक खातों में (500 और 1000 रुपए के नोट) जमा हुई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग से कहा गया है उन बैंक खातों की जांच की जाए जिनमें 3 से 4 लाख करोड़ की रकम जमा हुई है जिस पर टैक्स अदा नहीं किया गया है। अधिकारी ने बताया, “हमारे पास भारी-भरकम डेटा है जिसका विश्लेषण बताता है कि करीब 60 लाख बैंक खातों में 2 लाख से ऊपर की रकम जमा की गई है। खातों में जमा हुई कुल रकम 7.34 लाख करोड़ है।”
पूर्वोत्तर पर विशेष नजर
सूत्रों ने कहा कि 9 नवबंर 2016 के बाद पूर्वोत्तर में 10,700 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इसके अलावा आतंकवाद से प्रभावित राज्यों में भी जमा हुए पुराने नोट के संबंध में जानकारी संबंधित प्रवर्तनकारी एजेंसियों को दे दी गयी है। इन क्षेत्रों पर सरकार की विशेष नजर है।
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग उन खातों पर भी ध्यान दे रहा है जिनमें दो से ढाई लाख रुपये जमा हुए हैं लेकिन इनमें से कई का पैन नंबर, मोबाइल नंबर और पता एक ही है। ऐसे खातों में लगभग 42,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।
जन धन खाते भी जांच के दायरे में
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले खातों में भी भारी भरकम राशि पुराने नोट के रूप में जमा होने के मामले भी जांच के दायरे में हैं। अगर किसी जन धन खाते में एक लाख रुपये से अधिक कैश जमा हुआ है तो खुफिया जानकारी के आधार पर उसकी जांच की जाएगी। इसके अलावा बंद पड़े खातों में भारी भरकम 25,000 करोड़ रुपये जमा होने का अनुमान है।
सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद जमा हुई धनराशि से जुड़े मामलों की जांच आयकर विभाग के साथ-साथ ईडी और सीबीआई भी कर रही है। आयकर विभाग व्यापक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण भी कर रहा है।