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सेंसेक्स-निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जानिए बाजार में तेजी की बड़ी वजह

घरेलू अर्थव्यवस्था बीते कई साल से जिस तरह सतत रफ्तार से बढ़ रही है उसके चलते निवेशकों के मन में यह भरोसा पैदा कर रही है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 06:25 PM (IST)
सेंसेक्स-निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जानिए बाजार में तेजी की बड़ी वजह
सेंसेक्स-निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जानिए बाजार में तेजी की बड़ी वजह

नई दिल्ली (नितिन प्रधान)। अर्थव्यवस्था के मौजूदा संकेत ही शेयर बाजार को ऊंचा बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। उभरती अर्थव्यवस्था में सबसे तेज भागती आर्थिक विकास की दर के भविष्य में और तेज होने की उम्मीद में घरेलू ही नहीं विदेशी निवेशकों के निवेश का प्रवाह भी भारतीय बाजारों की तरफ बना हुआ है। यही वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लंबी अवधि के लिहाज से लोग काफी आकर्षक मान रहे हैं।

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घरेलू शेयर बाजार में पिछले काफी समय से तेजी बनी हुई है। इसके बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी लगातार ऊपर की तरफ भाग रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह अर्थव्यवस्था में अचानक आए बदलाव का नतीजा नहीं है। बल्कि घरेलू अर्थव्यवस्था बीते कई साल से जिस तरह सतत रफ्तार से बढ़ रही है उसके चलते निवेशकों के मन में यह भरोसा पैदा कर रही है। यही भरोसा शेयर बाजार में निवेश के प्रवाह की वजह बना हुआ है। देश की एक प्रमुख ब्रोकिंग एजेंसी इडलवाइस के प्रमुख और फिक्की के मौजूदा प्रेसिडेंट रशेश शाह मानते हैं कि बाजार के ऊपर बने रहने की कई वजहें हैं। पहली वजह तो कंपनियों की आमदनी के नीचे जाने का चक्र अब पूरा होने को है। साथ ही देश की लांग टर्म स्टोरी भी बहुत अच्छी है। इसलिए अभी छोटी गिरावट को छोड़ दें तो बाजार का रुख ऊपर की तरफ ही बने रहने की संभावना है।

बाजार की तेजी का मूल आधार कंपनियों की आमदनी होती है। बीते चार साल से कंपनियों की आमदनी बढ़ने की दर दस फीसद के आसपास बनी हुई है। शाह कहते हैं कि हर चार-पांच साल बाद कंपनियों की आमदनी का चक्र बदलता है। कम आमदनी का चक्र पूरा हो रहा है। कंपनियों की आमदनी में इजाफा होना ही है। उच्चतम स्तर पर कंपनियों की आमदनी बढ़ने की दर बीस फीसद तक जाती है। जब तक यह स्तर नहीं प्राप्त हो जाता, बाजार ऊपर की तरफ ही जाएगा।

अर्थव्यवस्था के अन्य कारक भी बाजार की रफ्तार को बढ़ाने में सहयोग करेंगे। ब्याज दरों में कमी का दौर शुरू हो चुका है। जैसे जैसे दरें नीचे आएंगी, निवेश का प्रवाह ऋण बाजार से हटकर शेयर बाजार की तरफ आएगा। शेयर बाजार में सकारात्मक माहौल बनाए रखने में अर्थव्यवस्था का अब तक का प्रदर्शन भी मददगार रहा है।


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