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विदेशी बैंकों में भी गरीबों का जीरो बैलेंस खाता

कमजोर तबके के लोग भी विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाओं में जीरो बैलेंस खाता खोल सकते हैं। उन्हें भी इस खाते पर मुफ्त एटीएम कम डेबिट कार्ड की सुविधा देनी होगी। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) के दिशानिर्देश भारत में काम कर रहे सभी घरेलू और विदेशी वाणिज्यिक बैंकों प

By Edited By: Published: Wed, 11 Sep 2013 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
विदेशी बैंकों में भी गरीबों का जीरो बैलेंस खाता

मुंबई। कमजोर तबके के लोग भी विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाओं में जीरो बैलेंस खाता खोल सकते हैं। उन्हें भी इस खाते पर मुफ्त एटीएम कम डेबिट कार्ड की सुविधा देनी होगी। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) के दिशानिर्देश भारत में काम कर रहे सभी घरेलू और विदेशी वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होते हैं।

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देश में फिलहाल एचएसबीसी, सिटीबैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे 43 विदेशी बैंक काम कर रहे हैं। इन बैंकों के खाताधारकों को अपने खाते में मोटी रकम अनिवार्य रूप से रखनी होती है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इन बैंकों में खाता खोलने के लिए गरीबों को शुरुआती रकम रखने की कोई जरूरत नहीं है। सामान्य खाताधारकों की तरह ऐसे खाताधारकों को भी एटीएम कार्ड, चेकबुक जैसी सभी सुविधाएं देना उनके लिए अनिवार्य है। साथ ही इन बैंकों को सलाह दी है कि वे बीएसबीडीए के लिए उम्र और आमदनी जैसी कोई पाबंदी न लगाएं। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि ये खाताधारक उस बैंक में कोई दूसरा बचत खाता नहीं खोल सकेंगे। अगर उस बैंक में पहले से उनका कोई बचत खाता है तो बीएसबीडीए की सुविधा लेने के लिए उन्हें इसे 30 दिन के भीतर बंद करना होगा।


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