नए भारत के लिए बनाई जाएं नीतियां: नितिन गडकरी
गडकरी ने जलमार्ग द्वारा माल ढुलाई को उद्यमियों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि सरकार जलमार्ग विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। गुरुग्राम केंद्रीय सड़क परिवहन एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें भविष्य के विषय में सोचना चाहिए। सुरक्षित भविष्य के लिए अलग-अलग नीतियां बनाने और प्रभावी तरीके से उन्हें लागू करने की जरूरत है। नए भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण, कचरा प्रबंधन, कृषि व ऑटो इंडस्ट्री को मजबूत बनाना होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह बातें बुधवार को आइएमटी मानेसर के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आइकेट) में आयोजित तीन दिवसीय न्यू जेन मोबिलिटी समिट के उद्घाटन के मौके पर कहीं।
बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे गडकरी ने नई पहल को सरकार के सहयोग का भरोसा दिलाया। गडकरी ने देश की तरक्की के लिए बेहतर सड़कों को जरूरी बताया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि अमेरिका अमीर देश है इसलिए उसकी सड़कें बढ़िया हैं। वहां की सड़कें बढ़िया हैं, इसलिए अमेरिका अमीर देश है।’ उन्होंने बताया कि पिछली योजना में देश में 22 बड़े हाईवे बनाने का कार्य किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने प्रदूषण के निपटने के लिए मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग पर जोर दिया। आइकेट के अधिकारियों को भी केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि वह इस ओर ध्यान दें। गडकरी ने जलमार्ग द्वारा माल ढुलाई को उद्यमियों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि जलमार्ग विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। न्यू जेन मोबिलिटी समिट के दौरान विभिन्न कंपनियों द्वारा भविष्य में बाजार में उतारी जाने वाली गाड़ियों की प्रदर्शनी लगाई गईं है। इसके साथ ही विभिन्न ऑटो पाट्र्स निर्माता कंपनियों ने अपने उपकरणों की भी प्रदर्शनी लगाई है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र की होगी बड़ी भूमिका
न्यू जेन समिट के पहले दिन दुनियाभर के विशेषज्ञों ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के भविष्य पर मंथन किया। इस दौरान इस पर बल दिया गया कि देश को आर्थिक शक्ति बनाने में ऑटोमोबाइल क्षेत्र की बड़ी भूमिका होगी। इस क्षेत्र में अनुसंधान व तकनीकी विकास को लेकर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2030 तक देश को विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने में ऑटोमोबाइल क्षेत्र भी विशेष भूमिका होगी। समिट के पहले दिन ऑटोमोबाइल सेक्टर की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। आइकेट के निदेशक दिनेश त्यागी ने कहा कि समिट के माध्यम से दुनियाभर में 125 वर्ष से चल रहे आइसी इंजन का विकल्प खोजने का अवसर मिलेगा। सेक्टर की चुनौतियों के समाधान के लिए तकनीक का विकास जरूरी है।