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अब पासपोर्ट के लिए आवेदन के साथ-साथ पुलिस वेरिफिकेशन भी होगा ऑनलाइन

देशभर में अपराध और अपराधियों का डाटाबेस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) तैयार हो चुका है

By Pramod Kumar Edited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 01:01 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 07:54 AM (IST)
अब पासपोर्ट के लिए आवेदन के साथ-साथ पुलिस वेरिफिकेशन भी होगा ऑनलाइन
अब पासपोर्ट के लिए आवेदन के साथ-साथ पुलिस वेरिफिकेशन भी होगा ऑनलाइन

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देशभर में अपराध और अपराधियों का डाटाबेस क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) तैयार हो चुका है और इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है। इससे पासपोर्ट जारी करने, ड्राइवर हायर करने, डॉमेस्टिक हेल्प रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ कार चोरी और दूसरे अपराधों की शिकायत की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेपुटी डायरेक्टर प्रशून गुप्ता ने बताया कि जांच अधिकारी CCTNS से देशभर में अपराध और अपराधियों के बारे में पता लगा सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि CCTNS से कई ऑनलाइन सेवाएं मिल रही हैं। इसमें चोरी की शिकायत के अलावा पासपोर्ट के लिए एफआईआर की कॉपी लेना, एफआईआर के स्टेट्स की जांच करना, पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन, ड्राइवर हायर करना और डोमेस्टिक हेल्प के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। CCTNS की शुरुआत मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने की थी। फिलहाल इसे देशभर के 14710 पुलिस स्टेशन और 6 हजार दूसरे कार्यालयों में शुरू किया गया है। पुलिस के अलावा सीबीआई, आईबी, एनआईए, ईडी और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पास भी इस डाटाबेस का एक्सेस होगा।

प्रशून गुप्ता ने बताया कि 2 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को तकनीकी खामी के चलते बिहार के 894 और बाकी देश में 51 पुलिस थानों में शुरू नहीं किया जा सका है।

CCTNS आने के बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने इसके जरिए पुलिस वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। इसके तहत पुलिसकर्मी आवेदक के घर जाकर उसके साथ सेल्फी लेकर या उसे जियो टैग कर CCNTS के माध्यम से पासपोर्ट अथॉरिटी को भेजते हैं। इससे पासपोर्ट बनाने के काम में तेजी आई है। इनके अलावा असम में भी सभी डॉक्युमेंट की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली ने इसके माध्यम से ई-एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है। जल्द ही इसके लिए मोबाइल ऐप लॉन्च की जाएगी।


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