चौथी तिमाही में कम हुआ पंजाब नेशनल बैंक का घाटा, एनपीए में सुधार
वहीं वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही यानी (जनवरी-मार्च) के दौरान कंपनी को 13417 करोड़ का चौंका देने वाला घाटा हुआ था। घोटालों के प्रभाव के कारण कंपनी को यह नुकसान हुआ था।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी एनपीए की स्थिति में सुधार किया है। मंगलवार को बैंक की ओर से कहा गया कि, उसने बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) का घाटा 4,750 करोड़ रुपये तक सीमित किया है। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही यानी (जनवरी-मार्च) के दौरान कंपनी को 13,417 करोड़ का चौंका देने वाला घाटा हुआ था। घोटालों के प्रभाव के कारण कंपनी को यह नुकसान हुआ था।
परिसंप्त्तियों की बात करें, तो मार्च 2019 के अंत तक पंजाब नेशनल बैंक के नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घट कर 15.50 फीसद पर आ गए जो कि एक अच्छा सुधार माना जा रहा है। बैंक का एनपीए मार्च 2018 में 18.38 फीसद था।
पीएनबी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि, उसका शुद्द एनपीए भी 11.24 फीसद से घटकर 6.56 फीसद पर आ गया है। हालांकि, खबर लिखे जाने के दौरान पंजाब नेशनल बैंक का शेयर 4.03 फीसद की गिरावट के साथ 85.70 पर ट्रेंड कर रहा था।
आपको बताते चलें कि, वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों को घाटे से उबारने के लिए बैंकों के एकीकरण की योजना पर काम कर रहा है। इस साल पंजाब नेशनल बैंक के साथ 4 छोटे बैंकों का विलय किया जा सकता हैं। इन 4 बैंकों में सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक के नाम सामने आ रहे हैं। वहीं, पिछले साल सरकार के वैकल्पिक तंत्र द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी गई थी। उससे पहले साल 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हुआ था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप