विभागों में वित्तीय लेनदेन नकदी रहित हों: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रलयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे सभी तरह के वित्तीय लेनदेन चेक के जरिये करें या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करें।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रलयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे सभी तरह के वित्तीय लेनदेन चेक के जरिये करें या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करें। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि ठेकेदारों से मजदूरों को भी भुगतान कैशलेस सिस्टम से किया जाए। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में टैक्स संबंधी मसलों के अलावा इस बारे में भी फैसला लिया गया।माना जाता है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और कारोबारी सुगमता के लिए यह निर्देश दिया है। इसके बाद खाद्य और कृषि मंत्रालय ने जल्दी से जल्दी कैशलेस ट्रांजेक्शन की योजना बनाने के लिए बैठक बुलाई।
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने खाद्य मंत्रालय की बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए बहुत गंभीर हैं। हमारे अधिकारियों को कहा गया है कि जहां तक संभव हो, लेनदेन कैशलेस होना चाहिए। पासवान ने कहा कि उनके मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) और केंद्रीय वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और नेशनल कोऑपरेटिव कंयूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लि. (एनसीसीएफ) पहले से 99 फीसद लेनदेन कैशलेस कर रहे हैं।
पेटीएम की एप सर्विस बंद:
मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम ने ग्राहकों के डाटा और गोपनीयता को खतरा होने की आशंका जताये जाने के बाद भुगतान के लेनदेन के लिए मोबाइल एप सर्विस बंद कर दी है। इसके जरिये छोटे दुकानदार आसानी से भुगतान प्राप्त कर सकते थे। इससे दुकानदार को प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) या कार्ड स्वाइप मशीन लगाने की जरूरत नहीं थी। दुकानदार अपने फोन पर पेटीएम का एप डाउनलोड करके भुगतान स्वीकार कर सकते थे।
जन धन खातों में 64 हजार करोड़:
सरकार ने लोकसभा में बताया कि नोटबंदी के बाद जन धन खातों में जमाराशियां बढ़कर 64,252.15 करोड़ रुपये हो गई। जमाराशियों के मामले में सबसे आगे उत्तर प्रदेश है जहां खातों में 10,670.62 करोड़ रुपये जमा हैं। पश्चिम बंगाल का इसके बाद स्थान आता है। वित्त राय मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे यादा 3.79 करोड़ जन धन खाते हैं। पश्चिम बंगाल के 2.44 करोड़ खातों में 7826.44 करोड़ रुपये जमा थे। राजस्थान का तीसरा नंबर आता है।