Move to Jagran APP

AC, टीवी व फर्नीचर के लिए भी प्रोडक्शन इंसेंटिव देने की तैयारी

मोबाइल फोन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के उत्पादन व निर्यात में बढ़ोतरी के लिए सरकार पहले ही पीएलआइ देने की घोषणा कर चुकी है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 08:46 PM (IST)
AC, टीवी व फर्नीचर के लिए भी प्रोडक्शन इंसेंटिव देने की तैयारी
AC, टीवी व फर्नीचर के लिए भी प्रोडक्शन इंसेंटिव देने की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार एयर-कंडीशनर, टेलीविजन, कीटनाशक एवं फर्नीचर जैसे उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात बढ़ोतरी पर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) देने की तैयारी कर रही है। पीएलआइ की राशि को लेकर वित्त मंत्रालय से विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही पीएलआइ को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक औद्योगिक संगठन के कार्यक्रम में 12 प्रमुख क्षेत्रों के लिए जल्द ही पीएलआइ देने की बात कही थी। इन सभी उत्पादों के उत्पादन एवं वैश्विक निर्यात बाजार में चीन का दबदबा है जिसे हर हाल में भारत कम करना चाहता है। 

loksabha election banner

मोबाइल फोन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के उत्पादन व निर्यात में बढ़ोतरी के लिए सरकार पहले ही पीएलआइ देने की घोषणा कर चुकी है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पिछले दो महीनों से वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय में चीन से होने वाले आयात को बंद करने एवं भारत में उन वस्तुओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने को लेकर जबरदस्त तरीके से मंथन किया गया जिसमें औद्योगिक संगठनों से लेकर सभी प्रकार के स्टेकहोल्डर्स ने हिस्सा लिया। यही वजह है कि पिछले सप्ताह वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने सभी प्रकार के रंगीन टीवी के आयात को प्रतिबंधित करते हुए उसे लाइसेंसिंग श्रेणी में डाल दिया। रंगीन टीवी के आयात में 35 फीसद हिस्सेदारी चीन की थी। अब पीएलआइ के जरिए रंगीन टीवी के उत्पादन के साथ उसके निर्यात को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

औद्योगिक संगठनों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन समेत विश्व में इस्तेमाल होने वाले 75 फीसद रूम एसी चीन में बनते हैं और वैश्विक बाजार में निर्यात होने वाले 75 फीसद एसी की आपूर्ति चीन और थाईलैंड से होती हैं। भारत में रूम एसी की मांग तेजी से बढ़ रही है और अनुमान के मुताबिक वर्ष 2026 तक रूम एसी की मांग में हर साल 14 फीसद की बढ़ोतरी होगी। अभी विश्व के रूम एसी बाजार में भारत की हिस्सेदारी 5 फीसद है जो 2025 तक बढ़कर 11 फीसद हो जाएगा। यही वजह है कि पिछले महीने वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय में भारत में एसी उत्पादन के प्रोत्साहन उपाय की चर्चा में सबसे पहले भारत में कंप्रेशर बनाने की यूनिट स्थापित करने पर जोर दिया गया। 

बैठक में यह बात निकलकर सामने आई कि अगले पांच साल में भारत में एक लाख करोड़ रूम एसी बनाने एवं उसके निर्यात की गुंजाइश है जिसे साकार करने के लिए सरकार अब पीएलआइ दे सकती है। फर्नीचर में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए मई आखिर में सरकार ने फर्नीचर आइटम के आयात शुल्क में 15 फीसद तक की बढ़ोतरी की थी। भारत सालाना 184 करोड़ डॉलर मूल्य का फर्नीचर आयात करता है। इनमें से 105 करोड़ डॉलर का आयात चीन से होता है।

सूत्रों के मुताबिक पीएलआइ का लाभ उठाने के लिए उत्पादित वस्तुओं का 60 फीसद तक निर्यात करना अनिवार्य होगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसे में सरकार निर्यात के नाम पर दिए जाने वाले इंसेंटिव को पीएलआइ का हिस्सा बना सकती है। सूत्रों के मुताबिक यह भी हो सकता है कि सरकार एक बार में सभी क्षेत्रों के लिए पीएलआइ की घोषणा न करके धीरे-धीरे उनकी घोषणा करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.