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आइएलएंडएफएस में फंसे पीएफ फंड को गारंटी देने से इंकार

आइएलएंडएफएस के बांड्स खरीदने वाले प्रोविडेंट और पेंशन फंड ट्रस्ट्स का समूचा निवेश डूब सकता है

By NiteshEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 11:00 AM (IST)
आइएलएंडएफएस में फंसे पीएफ फंड को गारंटी देने से इंकार
आइएलएंडएफएस में फंसे पीएफ फंड को गारंटी देने से इंकार

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आइएलएंडएफएस के बांड्स खरीदने वाले प्रोविडेंट और पेंशन फंड ट्रस्ट्स का समूचा निवेश डूब सकता है, क्योंकि कंपनी का बांड अनसेक्योर्ड डेट की श्रेणी में आता है। वित्त मंत्रलय का कहना है कि सुपरएनुएटेड बांड्स के साथ कोई सरकारी गारंटी नहीं होती है और ऐसे सभी उपकरण बाजार की जोखिमों से प्रभावित होते हैं।

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वित्त मंत्रलय के सूत्रों ने कहा कि सरकार बांड में निवेश पर कोई गारंटी नहीं देती है और यदि निवेश शेयर बाजार में किया गया है, तो उसके साथ बाजार का जोखिम जुड़ा होता है। यह मामला बांड जारी करने वाले और बांड रखने वाले के बीच का होता है। आइएलएंडएफएस के बांड्स में 50 से अधिक फंड्स के जरिये सरकारी और निजी कंपनियों के 15 लाख से अधिक कर्मचारियों के अरबों-खरबों रुपये लगे हुए हैं। इनमें राज्यों के इलेक्टिसिटी बोर्ड्स के पीएफ ट्रस्ट्स, कई सरकारी कंपनियां और बैंक शामिल हैं।

इस बारे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आयुक्त और श्रम मंत्री संतोष गंगवार को भेजे गए सवालों के जवाब नहीं मिले। प्रोविडेंट और पेंशन फंड ट्रस्ट्स ने नेशनल कंपनी लॉ एपीलेट टिब्यूनल (एनसीएलएटी) में याचिका दाखिल कर यह आशंका जताई है कि उनका पूरा पैसा डूब सकता है, क्योंकि ये बांड्स असुरक्षित डेट की श्रेणी में आते हैं। रिटायरमेंट फंड्स आमतौर पर अधिक जोखिम नहीं लेते और एएए रेटेड बांड्स में निवेश करते हैं। पहले कभी आइएलएंडएफएस के बांड्स को एएए रेटिंग हासिल थी। इन पर कम लेकिन निश्चित ब्याज हासिल होता है।

रिटायरमेंट फंड की चिंता बकाया भुगतान करने की क्षमता के आधार पर आइएलएंडएफएस की कंपनियों के वर्गीकरण से पैदा हुई है। आइएलएंडएफएस नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी ने एनसीएलटी को बताया है कि उसके समूह में 302 कंपनियां हैं। इनमें 169 भारतीय कंपनियां हैं। इनमें से सिर्फ 22 अपनी सभी देनदारी पूरी करने में सक्षम हैं। 10 कंपनियां सुरक्षित कर्ज का भुगतान कर सकती हैं। 120 कंपनियों का मूल्यांकन जारी है। 38 कंपनियां किसी भी देनदारी का भुगतान नहीं कर सकती हैं।


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