चरणबद्ध तरीके से ही जीएसटी में आएंगे पेट्रोलियम उत्पाद
जीएसटी रिफंड के ऑटोमेशन के बारे में अढिया ने कहा कि जीएसटी रिफंड पहले दिन से ही ऑटोमेटिक होना था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त सचिव हसमुख अढिया ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोल और डीजल समेत सभी पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का फैसला जीएसटी काउंसिल ही करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में चरणबद्ध तरीके से ही लाया जाएगा।
एक कार्यक्रम में अढिया ने कहा, ‘पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना हमारे समक्ष बहुत सी मांगों में एक है। हम इस पर चर्चा करेंगे। सारी चीजें चरणबद्ध तरीके से ही होंगी। हमने जीएसटी के मोर्चे पर बहुत कुछ हासिल किया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मौजूदा तंत्र में सुधार की गुंजाइश नहीं है। हमें बहुत कुछ करना है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।’
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआइसी) के चेयरमैन एस रमेश ने कहा कि हालांकि पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हो रही है। लेकिन जीएसटी काउंसिल को इसके सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।
वर्तमान में पेट्रोल, डीजल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इन उत्पादों पर राज्य सरकारों को अपने हिसाब से मूल्य संवर्धित कर (वैट) लगाने का अधिकार मिला हुआ है। विमानन मंत्रालय लंबे समय से एटीएफ पर ऊंची टैक्स दर के खिलाफ चिंता व्यक्त करता रहा है। मंत्रालय का कहना है कि ऊंची टैक्स दर के चलते विमानन कंपनियों की परिचालन लागत बढ़ जाती है और विमान किराये पर भी असर पड़ता है।
जीएसटी रिफंड के ऑटोमेशन के बारे में अढिया ने कहा कि जीएसटी रिफंड पहले दिन से ही ऑटोमेटिक होना था। लेकिन कारोबारियों ने रिटर्न फाइल करने में बहुत ज्यादा गलतियां कीं। इसलिए आयकर विभाग को अंतिम क्षणों में ऑटोमेटिक प्रणाली से हटकर मैनुअल प्रणाली को अपनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफंड को पूरी तरह ऑटोमेटिक बनाने के प्रयास जारी हैं।