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पेट्रोल एक महीने के निचले स्तर पर, जानिए आज आपके शहर में कितने कम हो गए दाम

पेट्रोल की कीमत में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है जबकि डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 07:56 AM (IST)
पेट्रोल एक महीने के निचले स्तर पर, जानिए आज आपके शहर में कितने कम हो गए दाम
पेट्रोल एक महीने के निचले स्तर पर, जानिए आज आपके शहर में कितने कम हो गए दाम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल की कीमत में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है, हालांकि डीजल की कीमतों में आज कोई बदलाव नहीं हुआ है। जहां पेट्रोल की कीमत में आज 14 पैसे प्रति लीटर की गिरावट देखने को मिली है, वहीं दिल्ली में डीजल 67.68 रुपये प्रति लीटर (बीते दिन की कीमत) पर ही बना हुआ है। पेट्रोल की यह कीमत बीते एक महीने का निचला स्तर है। 20 मई को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.24 रुपये थी, जबकि अब दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के दाम 76.02 रुपये प्रति लीटर हो चुके हैं।

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प्रमुख शहरों में पेट्रोल के दाम: अगर प्रमुख शहरों की बात करें तो आज भोपाल में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 81.60 रुपये, पटना में 81.51 रुपये प्रति लीटर, जलंधर 81.22 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद में 80.52 रुपये प्रति लीटर, श्रीनगर 80.45 रुपये प्रति लीटर, बैंगलोर 77.25 रुपये प्रति लीटर, जयपुर 78.75 रुपये प्रति लीटर और लखनऊ में 76.92 रुपये प्रति लीटर है।

प्रमुख महानगरों में पेट्रोल के दाम: राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.02 रुपये है, जबकि मुंबई में पट्रोल 83.74 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है। जानिए अन्य महानगरों का हाल...

प्रमुख महानगरों में डीजल के दाम:दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 67.68 रुपए प्रति लीटर ही बनी हुई है। वहीं मुंबई में एक लीटर डीजल के दाम 71.99 रुपये हैं। जानिए अन्य महानगरों का हाल...

पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी के बावजूद कुछ फीसद वैट लगा सकते हैं राज्य: पेट्रोल और डीजल की कीमतों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊंची दर में रखने के बावजूद इस पर राज्य सरकारों की ओर से कुछ वैट भी लगाया जा सकता है। अगर ये दोनों ईंधन जीएसटी के अंतर्गत लाए गए तो कुछ ऐसा कर ढांचा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी है। गौरतलब है कि जीएसटी व्यवस्था देशभर में एक जुलाई, 2017 से लागू है।

ऐसे में जीएसटी की उच्चतम दर और राज्यों की ओर से लगाया जाने वाला वैट मिलाकर उतना ही कर बैठेगा जितना कि केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और राज्य सरकारों (वैट) की ओर से लिया जाता है। कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया भी गया तो भी कीमतें जस की तस रहेंगी, यानी कीमतों में राहत की उम्मीदों पकरक पानी फिर सकता है।


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