जून में 5 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, ये है बड़ा कारण
अगर जून में लॉकडाउन का पांचवा चरण स्टार्ट भी होता है तब भी तेल कंपनियां दैनिक मूल्य संशोधन को जारी रख सकती हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। अगर जून में लॉकडाउन हटता है तो सरकारी तेल कंपनियां दैनिक मूल्य संशोधन को एक बार फिर शुरू कर सकती हैं, जिसके बाद अगले महीने से पेट्रोल और डीजल के मूल्य में 4-5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है।
सरकारी क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने स्थिति का मूल्यांकन करने और दैनिक ईंधन संशोधन प्रैक्टिस को लॉकडाउन के बाद फिर से शुरू करने को लेकर पिछले हफ्ते एक बैठक की थी।
अगर जून में लॉकडाउन का पांचवा चरण स्टार्ट भी होता है तब भी तेल कंपनियां दैनिक मूल्य संशोधन को जारी रख सकती हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में लॉकडाउन में और ज्यादा ढील दी जाएगी।
ओएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'तेल बाजार ने पिछले महीने की कीमतों से इस महीने 50% से अधिक की वृद्धि हुई है, और अब यह 30 डॉलर प्रति बैरल की दर से बढ़ रहा है। यदि बढ़त यूं ही जारी रही तो तेल कंपनियों को इस महीने पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर नुकसान होना शुरू हो जाएगा। हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बड़ी वृद्धि की गई है। इस महीने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण मांग में कमी के कारण ऑटो ईंधन की बिक्री की मात्रा पहले से ही कम ही है।'
पहले से ही ओएमसी के लिए पेट्रोल और डीजल की लागत और बिक्री मूल्य के बीच का अंतर लगभग 4-5 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि भले ही दैनिक मूल्य संशोधन फिर से शुरू हो लेकिन, पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य को सीमा से अधिक बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसका मतलब यह होगा कि पेट्रोलियम उत्पाद हर दिन 20-40 पैसे या इससे कम तक बढ़ सकते हैं जब तक कि तेल कंपनियां लागत और बिक्री के बीच के अंतर को खत्म करने में सक्षम नहीं हो जाती हैं।