लॉकडाउन के बाद आपको महंगा खरीदना पड़ सकता है पेट्रोल, डीजल, ये है बड़ा कारण
दरअसल मई के बाद तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य का रोजाना संशोधन शुरू कर सकती हैं जिसके बाद उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल खरदीना महंगा हो जाएगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना वायरस के चलते उपजे कई तरह के संकटों के बीच आम आदमी को अगले महीने से एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। दरअसल, मई के बाद तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य का रोजाना संशोधन शुरू कर सकती हैं, जिसके बाद उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल खरदीना महंगा हो जाएगा।
OMC के सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन हटने के बाद ऑटो ईंधन की दैनिक कीमत में संशोधन फिर से शुरू हो सकता है। हालांकि, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यदि ऐसा होता है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन फिर से बढ़ सकती हैं।
सरकारी क्षेत्र के ओएमसी के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि '16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन नहीं किया गया है और इससे सरकार को खुदरा उत्पादों को प्रभावित किए बिना दो उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाना पड़ा। सरकारी क्षेत्र के एक अधिकारी ने कहा कि अब दैनिक मूल्य संशोधन योजना शुरू होने के बाद ऑटो ईंधन में कुछ दिनों के लिए तेजी देखी जा सकती है।
हालांकि, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि दैनिक मूल्य संशोधन शुरू होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य को एक तय मानक से ज्यादा बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि पेट्रोलियम उत्पाद हर दिन 30-50 पैसे तक बढ़ सकते हैं या तब तक कम हो सकते हैं जब तक तेल कंपनियां लागत और बिक्री के बीच के अंतर को खत्म करने में सक्षम नहीं हो जाती हैं।
दैनिक मूल्य संशोधन के तहत खुदरा मूल्य में वृद्धि तेल की कीमतों और उस समय के वैश्विक तेल बाजार पर निर्भर करेगी जो खुदरा मूल्य का निर्धारण करती है। मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत पिछले महीनों की कीमतों से 50 फीसद ज्यादा हैं। दरअसल, लॉकडाउन से ऑटो ईंधन की मांग बिलकुल कम पड़ गई है।