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GST Meeting: एजेंडे में शामिल होने के बाद भी GST के तहत नहीं आए पेट्रोल-डीजल, ये है सबसे बड़ी वजह

जीएसटी काउंसिल ने कोविड-19 और ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली चार दवाओं पर दी गई जीएसटी की छूट की अवधि को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। इनमें एंफोटेरिसीन-बी टोसिलिजुमैब पर जीएसटी की दर शून्य तथा रेमडेसिविर व हेपेरिन पर पांच फीसद रहेगी।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 10:50 PM (IST)
GST Meeting: एजेंडे में शामिल होने के बाद भी GST के तहत नहीं आए पेट्रोल-डीजल, ये है सबसे बड़ी वजह
Petrol diesel not under GST Finance Minister Nirmala Sitharaman explains why it was discussed

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। शुक्रवार को लखनऊ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि केरल उच्च न्यायालय के आदेश के कारण ही पेट्रोल, डीजल जीएसटी परिषद के एजेंडे में था। उन्होंने कहा कि “यह आइटम आज की चर्चा के एजेंडे में विशुद्ध रूप से आया क्योंकि केरल उच्च न्यायालय के आदेश के रूप में किसी व्यक्ति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने कहा कि इसे जीएसटी परिषद द्वारा लिया जा सकता है। अदालत के निर्देश पर, इसे लाया गया और सदस्यों ने इसका विरोध किया।

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वहीं कोरोना कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाओं समेत कुछ अन्य जीवनरक्षक औषधियां अब सस्ती होंगी। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि काउंसिल की बैठक में तय हुआ है कि फूड डिलीवरी एप के जरिये खानपान की आपूíत में जीएसटी अब उस प्वाइंट से लिया जाएगा, जहां खाने की डिलीवरी हुई हो। अभी तक यह टैक्स रेस्टोरेंट देते थे। अब एग्रीगेटर (फूड डिलिवरी कंपनियों) को यह टैक्स देना होगा।

जीएसटी काउंसिल ने कोविड-19 और ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली चार दवाओं पर दी गई जीएसटी की छूट की अवधि को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। इनमें एंफोटेरिसीन-बी, टोसिलिजुमैब पर जीएसटी की दर शून्य तथा रेमडेसिविर व हेपेरिन पर पांच फीसद रहेगी।काउंसिल ने इटोलिजुमैब, पोसाकोनाजोल, इन्फ्लिक्सिीमैब, बामलानिविमैब, एटिसिविमैब, केसिरिविमैब, इमडेविमैब, डीआक्सी-डी-ग्लूकोज और फेविपिराविर जैसी दवाओं पर जीएसटी की दर को घटाकर 12 से पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया है।

केट्रूडा समेत कैंसर की कुछ दवाओं पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच फीसद किया गया है। मांसपेशियों में सिकुड़न के इलाज के लिए आयात की जाने वाली महंगी दवाओं जोलजेन्समा और विलटेप्सो को सस्ता करने के उद्देश्य से उन्हें आइजीएसटी से मुक्त कर दिया है। मांसपेशियों में सिकुड़न के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संस्तुत उन दवाओं को भी आइजीएसटी से मुक्त किया गया है, जो व्यक्तिगत उपभोग के लिए खरीदी जाएंगी।

सीतारमण ने बताया कि काउंसिल ने दिव्यांगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी की दर को घटाकर पांच फीसद किया है।-आइसीडीएस के इस्तेमाल के लिए पौष्टिकता से भरपूर धान की फोर्टीफाइड भूसी पर जीएसटी दर अब 18 की बजाय पांच फीसद होगी।

तेल कंपनियों द्वारा डीजल में मिलाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच फीसद किया गया है।

सभी तरह के पेन और उनके पा‌र्ट्स पर 18 फीसद जीएसटी होगा।

रेलवे, लोकोमोटिव पा‌र्ट्स पर 18 फीसद लगेगा जीएसटी।

काउंसिल ने 20 लाख तक के टर्नओवर वाले ईंट भट्ठों के लिए अप्रैल 2022 से विशेष कंपोजीशन स्कीम शुरू करने पर सहमति दी है। ईंट भट्ठों के लिए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के छह प्रतिशत जीएसटी दर तय की गई है। यदि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेते हैं तो उन्हें 12 फीसद जीएसटी देना होगा।

काउंसिल ने तंबाकू उत्पादों और पान मसाला पर उत्पादन क्षमता के आधार पर लेवी लगाने के प्रस्ताव के परीक्षण के लिए मंत्रियों के समूह को तीन महीने का समय और देने पर रजामंदी दी है।


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