इंफ्रा प्रोजेक्ट में हो सकता है पेंशन और इंश्योरेंस फंड का इस्तेमाल, पेंशन और इंश्योरेंस नियामकों से मिलकर निकाला जाएगा रास्ता
सरकार का मानना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति देने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर निवेश होने से उसके कई सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। अर्थव्यवस्था में मांग के साथ रोजगार में बढ़ोतरी इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंफ्रास्ट्र्क्चर प्रोजेक्ट के लिए सरकार पेंशन और इंश्योरेंस फंड का इस्तेमाल कर सकती है। वित्त मंत्रालय इस मामले में रास्ता निकालने की तैयारी में है। पेंशन और इंश्योरेंस नियामकों के साथ मिलकर इस दिशा में फैसला किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति देने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर निवेश होने से उसके कई सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। अर्थव्यवस्था में मांग के साथ रोजगार में बढ़ोतरी इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं।
सरकार इन दिनों इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए जरूरी धनराशि के इंतजाम के लिए कई विकल्प तलाश रही है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव तरुण बजाज के मुताबिक कनाडा, आस्ट्रेलिया, यूरोप व अमेरिका अपने पेंशन फंड को भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, लेकिन देश की इंश्योरेंस कंपनी और पेंशन फंड अब भी पहले की तरह बांड जैसे उत्पाद में निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य निधि फंड को लेकर इस प्रकार नियम बनाए जाने चाहिए ताकि उस फंड का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में हो सके। इस प्रकार के सभी फंड का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए किया जा सकता है। इस मामले में इनके नियामकों के साथ मिलकर रास्ता तैयार किया जाएगा। ईपीएफओ मुनाफा कमाने के लिए इक्विटी और डेट मार्केट में निवेश करता है।
बजाज ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए धनराशि के इंतजाम को लेकर एनएचएआइ के मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि दूसरी कंपनियां भी इस प्रकार का मॉडल अपना सकती है। एनएचएआइ ने धनराशि जुटाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट का गठन किया है जिसमें कई प्रकार के निवेशक है जिन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश करने के बदले में रिटर्न मिलेगा। ट्रस्ट का काम निवेशकों को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने एवं उनका रास्ता तैयार करना है।वित्त मंत्रालय इन दिनों केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों से इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के लिए कह रहा है। ताकि अर्थव्यवस्था के कई मोर्चे पर राहत मिल सके। मंत्रालय का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में जरूरत पड़ने पर खर्च के अनुमान में बदलाव भी किया जा सकता है।