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कोरोना का चरम बीता, अब अर्थव्यवस्था आगे ले जाने का समय : वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय का कहना है कि कोरोना संक्रमण का चरम काल 17 से 30 सितंबर था जो अब गुजर गया है। अब अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और इसे गति देने का समय है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की मासिक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:51 PM (IST)
कोरोना का चरम बीता, अब अर्थव्यवस्था आगे ले जाने का समय : वित्त मंत्रालय
अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए सभी संबंधित पक्षों को आगे आने की जरूरत है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्रालय का कहना है कि कोरोना संक्रमण का चरम काल 17 से 30 सितंबर था जो अब गुजर गया है। अब अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और इसे गति देने का समय है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 17-30 सितंबर के दौरान सात दिनों के औसत पॉजिटिव मामलों को देखने पर पता चलता है कि इसमें धीरे-धीरे गिरावट आ रही है। पॉजिटिव मामले 93,000 से घटकर 83,000 प्रतिदिन के स्तर पर आ गए हैं, जबकि इस अवधि में जांच की संख्या बढ़ी है।

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वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी राहत की बात यह है कि जीडीपी में 44 फीसद की हिस्सेदारी रखने वाले आठ राज्यों में रिकवरी दर काफी तेजी से बढ़ रही है। 30 सितंबर को बिहार, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की रिकवरी दर 90 फीसद से अधिक हो चुकी थी। बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात व राजस्थान की रिकवरी दर भी 80 फीसद से अधिक थी। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के खत्म होने के अभी आसार नहीं हैं। मंत्रालय का कहना है कि देशभर में कोरोना संक्रमण की दर में कमी आने से यह अर्थव्यवस्था की रिकवरी से जुड़े उपायों में और तेजी लाने का समय है। 

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अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिए सभी संबंधित पक्षों को आगे आने की जरूरत है, क्योंकि सरकार की तरफ से लोगों की आवाजाही से लेकर वस्तुओं की ढुलाई तक से हर प्रकार की पाबंदी हटा ली गई है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 30 सितंबर को कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या में 31 अगस्त के मुकाबले 0.4 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। वहीं 31 अगस्त को सक्रिय मामलों की संख्या में 1.65 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी। 30 सितंबर को देश की रिकवरी दर 83.5 फीसद के स्तर पर पहुंच गई।

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में बिजली, पेट्रोल जैसी चीजों की खपत बढ़ने एवं निर्यात और घरेलू स्तर पर होने वाली माल ढुलाई के साथ जीएसटी में बढ़ोतरी से आर्थिक मोर्चे पर रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। वित्त मंत्रालय को अर्थव्यवस्था की रिकवरी में एमएसएमई सेक्टर से काफी उम्मीद है।


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