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उर्जित पटेल की वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति के सामने फिर हो सकती है पेशी

वित्त मंत्रलय की संसदीय समिति 20 अप्रैल को उर्जित पटेल को पेशी के लिए तलब कर सकती है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 09:33 AM (IST)
उर्जित पटेल की वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति के सामने फिर हो सकती है पेशी
उर्जित पटेल की वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति के सामने फिर हो सकती है पेशी

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी पूरी तरह खत्म होने के दस दिन बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) अभी तक यह नहीं बता पाया है कि देश में कितने पुराने नोट (500 व 1000 रुपये के) सिस्टम से वापस आए हैं। इस बारे में आरबीआइ के गवर्नर उर्जित पटेल को सांसदों के तल्ख सवालों का सामना फिर से करना पड़ सकता है। वित्त मंत्रलय की संसदीय समिति 20 अप्रैल को पटेल को पेशी के लिए तलब कर सकती है। यह दूसरा मौका है जब संसदीय समिति के सामने गवर्नर नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए बुलाए जाएंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद समिति नोटबंदी पर अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी। इसे मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। गवर्नर के साथ वित्त मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी तलब किया जाएगा।

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समिति नोटबंदी के बाद नकद लेनदेन को बढ़ावा देने की सरकार की नीति से पूरे बैंकिंग ढांचे पर पड़ने वाले असर को लेकर भी आरबीआइ गर्वनर व वित्त मंत्रलय के अधिकारियों से चर्चा होगी। समिति यह जानने की कोशिश करेगी कि जब बड़ी संख्या में देश में कार्ड का इस्तेमाल होने लगेगा, वैसी स्थिति में एटीएम व देश भर में फैली बैंक शाखाओं को किस तरह से व्यवस्थित किया जाएगा। इस बारे में सरकार की क्या नीति होगी।

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संसदीय समिति ने जब पिछली बार पटेल से पूछताछ की थी, तब भी उन्होंने कई सवालों का जवाब नहीं दिया था। उन्होंने यह जरूर बताया था कि तब तक 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट सिस्टम में डाले गए हैं। लेकिन कितने नोट वापस आये हैं, यह नहीं बताया था। आठ नवंबर, 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचलन से 500 व 1000 के नोटों को हटाने की घोषणा की थी। तब कहा गया था कि बाजार में इन दोनों को मिलाकर 15.76 लाख करोड़ रुपये के नोट हैं। आरबीआइ ने आधिकारिक तौर पर 10 दिसंबर, 2016 तक का डाटा दिया है कि 12.4 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए हैं। इसके पहले केंद्रीय बैंक हर हफ्ते बाजार में नोट की स्थिति बताता रहा है, मगर उसके बाद से बंद कर दिया गया है।


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