संसदीय समिति ने आरबीआइ गवर्नर को चौथी बार बुलाया
वित्त मामलों की संसदीय समिति ने आरबीआइ गवर्नर को जुलाई महीने में एक बार फिर तलब किया है
नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर उर्जित पटेल को वित्त मामलों की संसदीय समिति ने छह जुलाई को तलब किया है। नोटबंदी के मुद्दे पर कमेटी की ओर से उन्हें यह चौथा बुलावा है। समिति पटेल से नोटबंदी पर जवाब-तलब करेगी। इस संसदीय समिति के प्रमुख कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद वीरप्पा मोइली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद करने का एलान किया था।
दो बार टाल गए पटेल: इससे पहले उर्जित दो बार कमेटी के बुलावे पर उसके समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने मौद्रिक नीति बनाने में व्यस्तता का हवाला देकर पेश होने से छूट मांगी थी। पहली बार वह 18 जनवरी को समिति के सामने उपस्थित हुए थे। तब समिति के सदस्यों ने उनसे 500 व एक हजार रुपये के नोट बंद करने को लेकर जवाब-तलब किए थे। उस वक्त पटेल को सांसदों के कड़े सवालों से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बचाया था।
हालांकि मनमोहन के ही जोर देने पर समिति ने भाजपा सांसदों के विरोध के बावजूद उर्जित को बुलाया था। कमेटी ने उनके अलावा वित्त मंत्रलय के शीर्ष अफसरों को भी नोटबंदी का असर जानने के लिए तलब किया था।
पूछताछ अभी अधूरी: संसदीय समिति के एक सदस्य ने बताया कि पटेल को छह जुलाई को बुलाया गया है। उनसे नोटबंदी को लेकर पूछताछ अभी अधूरी है। चूंकि कमेटी के सदस्य पटेल व अधिकारियों से अपने सवाल पूरे नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्हें फिर से तलब किया गया है।
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