एमनेस्टी स्कीम के तहत 60 दिनों में होगा फैसला, छोटे करदाताओं को मुकदमों के बोझ से मिलेगी राहत
amnesty scheme टैक्स देने वालों को बाकी पड़े टैक्स को चुकाने और इससे संबंधित विवादों से निपटने का अवसर देगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कहा है कि इंपावर्ड कमेटी एमनेस्टी स्कीम के तहत टैक्स में राहत देने की घोषणा पर 60 दिनों के भीतर निर्णय लेगी। सबका विश्वास-लिगेसी डिस्प्यूट स्कीम 2019, सितंबर से अगले चार महीनों के लिए लागू होगी। इस स्कीम के तहत लिगेसी सर्विस टैक्स और सेंट्रल एक्साइज से संबंधित मामलों का निपटान किया जाएगा। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआइसी) ने बताया कि स्कीम इंटरेस्ट, पेनाल्टी और फाइन में पूरी तरह से छूट देगी। इसके अलावा यह स्कीम मुकदमे से बचाव भी करेगी।
आवेदक को उसके मामले में फैसले की सूचना के सवाल पर सीबीआइसी ने बताया कि इंपावर्ड कमेटी 60 दिनों के भीतर किसी मामले में फैसला लेगी और आवेदक को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फैसले के बारे में अवगत कराया जाएगा। यह स्कीम टैक्स देने वालों को बाकी पड़े टैक्स को चुकाने और इससे संबंधित विवादों से निपटने का अवसर देगी।
इस समय 3.75 लाख करोड़ से अधिक रुपये सर्विस टैक्स और एक्साइज से संबंधित मुकदमों में फंसे हुए हैं। इस स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान की थी। इसका मुख्य मकसद छोटे टैक्स दाताओं को टैक्स से संबंधित मुकदमों के बोझ से मुक्ति दिलाना है।