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जीएसटी घटने का लाभ ग्राहकों को नहीं देने वाली नौ कंपनियों पर कार्रवाई

जिनमें करीब 559.88 करोड़ की प्रोफिटीयरिंग की पुष्टि हुई है।

By NiteshEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 11:04 AM (IST)
जीएसटी घटने का लाभ ग्राहकों को नहीं देने वाली नौ कंपनियों पर कार्रवाई
जीएसटी घटने का लाभ ग्राहकों को नहीं देने वाली नौ कंपनियों पर कार्रवाई

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटने के बाद करीब 559.88 करोड़ का लाभ ग्राहकों को नहीं देने वाली नौ कंपनियों के विरुद्ध जीएसटी एंटी प्रोफिटीयरिंग प्राधिकरण ने आदेश जारी किए हैं। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने लोकसभा में सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने 400 वस्तु समूह और 96 सेवा समूह की जीएसटी दर घटाए जाने के सुझाव दिए हैं। कहा कि नेशनल एंटी प्रोफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएए) ने नौ आदेश जारी किए हैं, जिनमें करीब 559.88 करोड़ की प्रोफिटीयरिंग की पुष्टि हुई है।

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तिलहन-दलहन की खरीद: कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने 2015-16 से दिसंबर 2018 तक 89 लाख टन तिलहन और दलहन की खरीदारी की है और यह प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि 2010-11 से 2013-14 तक आठ लाख टन की खरीदारी हुई थी।

बीटी कॉटन कीड़े से रक्षा में कारगर: कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में कहा कि बीटी कॉटन टेक्नोलॉजी का मूल मकसद कपास के कीड़े (बोलवर्म) से बचाव करना था। इस कीड़े से (पिंक बोलवर्म स्पोडोपेट्रा लिटुरा को छोड़कर) बचाव में वह 16 वर्षो से कारगर है।

टेलीकॉम से घटी सरकार की आय: दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने रासमें एक लिखित जवाब में कहा कि 2017-18 में टेलीकॉम सेक्टर से सरकार की आय करीब 22 फीसद घटी है। कहा कि सेवाओं की बिक्री से टेलीकॉम कंपनियों की आय घटने से सरकार की आय में कमी आई है।

कॉल ड्रॉप के लिए कंपनियों पर जुर्माना: दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने रास में कहा कि कॉल ड्रॉप के मामले में टेलीकॉम कंपनियों पर 58 लाख का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि कहा कि टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारे जाने से स्थिति में सुधार आया है।

ब्रोकर्स को अनफिट घोषित करने का सुझाव नहीं: वित्त राज्य मंत्री पॉन राधाकृष्णन ने लोस में कहा कि सरकार ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) के भुगतान संकट में शामिल ब्रोकर्स को ‘नॉट फिट एंड प्रोपर’ घोषित किए जाने के लिए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनसीएलएटी) से किसी तरह की सिफारिश नहीं की है। 


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