जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28% में अब सिर्फ 35 उत्पाद
अब जो 35 उत्पाद जीएसटी की 28 फीसद वाली स्लैब में रह गए हैं उनमें नई दरें 27 जुलाई से प्रभावी होंगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने बीते एक साल के दौरान 28 फीसद की टैक्स स्लैब से 191 वस्तुओं को हटाया है। अब 28 फीसद के टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या सिर्फ 35 रह गई है। अब इसमें एसी , डिजिटल कैमरा, विडियो रिकॉर्डर, डिशवॉशिंग मशीन और वाहन जैसे उत्पाद ही रह गए हैं।
अब जो 35 उत्पाद जीएसटी की 28 फीसद वाली स्लैब में रह गए हैं उनमें नई दरें 27 जुलाई से प्रभावी होंगी। इनमें सीमेंट, वाहन कलपुर्जे, टायर, वाहन उपकरण, मोटर वाहन, याट, विमान, एरेटेड ड्रिंक और अहितकर उत्पाद तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कि आगे चलकर राजस्व स्थिर होने के बाद काउंसिल 28 फीसद टैक्स स्लैब को और तर्कसंगत बना सकती है और जीएसटी की 28 फीसद की स्लैब को सिर्फ सुपर लग्जरी और अहितकर उत्पादों तक सीमित कर सकती है।
घट सकती हैं जीएसटी की दरें: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत दरों की संख्या पांच से घटाकर तीन की जा सकती है। जीएसटी पर गठित मंत्रिसमूह के अध्यक्ष एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही। अभी जीएसटी में शून्य, पांच, 12, 18 और 28 फीसद की स्लैब हैं।
मोदी ने कहा कि जीएसटी में दरों की संख्या घटाने की योजना है, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि यह राज्यों के राजस्व से जुड़ा मामला है। 88 वस्तुओं पर जीएसटी की दर में कटौती पहले नहीं करने को लेकर उठाए गए पी. चिदंबरम के सवाल पर मोदी ने कहा, ‘दरों में कटौती का फैसला केवल भाजपा सरकार से जुड़ा नहीं है। इस पर काउंसिल ने फैसला किया है, जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें भी शामिल हैं।