HPCL का अधिग्रहण करेगी ONGC, 44,000 करोड़ रुपये में खरीदेगी 51.11 फीसद हिस्सेदारी
ओएनजीसी भारत की तीसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्ताीन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का अधिग्रहण कर सकती है
नई दिल्ली। देश की दिग्गज सरकारी तेल एवं विपणन कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) भारत की तीसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्ताीन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का अधिग्रहण कर सकती है। माना जा रहा है कि इस अधिग्रहण के लिए ओएनजीसी 44,000 करोड़ रुपये (6.6 अरब डॉलर) का खर्च करेगी। देश में एक एकीकृत बड़ी तेल कंपनी बनाने की योजना के तहत सरकार के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है।
आम बजट 2017-18 में केंद्रीय वित्तड मंत्री अरुण जेटली ने एक एकीकृत ऑयल कंपनी बनाने के एलान किया था जिसके अनुसार भारत की सबसे बड़ी ऑयल और गैस उत्पा दक ओएनजीसी, एचपीसीएल में सरकार की संपूर्ण 51.11 फीसद हिस्सेीदारी खरीद सकती है। वहीं दूसरी तरफ एचपीसीएल के अन्य् शेयरधारकों से अतिरिक्तं 26 फीसद हिस्सेलदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकार एक एकीकृत ऑयल कंपनी बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसका उदेश्य एक ऑयल उत्पानदक कंपनी का मर्जर रिफाइनरी कंपनी के साथ किया जाए। इस क्षेत्र में केवल छह सरकारी कंपनियां हैं, जिनमें ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड ऑयल उत्पा दक हैं। इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी), एचपीसीएल और भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) रिफाइनरी बिजनेस में हैं। वहीं, गेल मिडस्ट्री म गैस ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस में कार्यरत है।
ओएनजीसी विदेश, चेन्नोई पेट्रोलियम कॉर्प, नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड और मैंगलोर रिफाइनरी जैसी अन्यि कंपनियां इन छह पीएसयू में से किसी न किसी की अनुषंगी हैं। यही कारण है कि यहां विकल्पी बहुत सीमित हैं। इसका एक विकल्पर है कि एचपीसीलए और बीपीसीएल को ओएनजीसी के साथ विलय कर दिया जाए। वहीं दूसरी ओर आईओसी को ऑयल इंडिया के साथ विलय कर दिया जाए।