रिटायरमेंट की योजना बनाने वाले शहरी बढ़े
शहरी भारतीय अब अपने जीवन की योजना परिवार को ध्यान में रखकर तैयार करने लगे हैं। वे कम उम्र में ही अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन की योजना बनाने लगे हैं। एक सर्वे के मुताबिक अब हर चार में से एक भारतीय ऐसी तैयारियां कर रहे हैं। एमरीप्राइस इंडिया द्वारा भारतीय उपभोक्ताओं के वित्तीय लक्ष्य पर किए गए सर्वे में कहा गय
मुंबई। शहरी भारतीय अब अपने जीवन की योजना परिवार को ध्यान में रखकर तैयार करने लगे हैं। वे कम उम्र में ही अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन की योजना बनाने लगे हैं। एक सर्वे के मुताबिक अब हर चार में से एक भारतीय ऐसी तैयारियां कर रहे हैं।
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एमरीप्राइस इंडिया द्वारा भारतीय उपभोक्ताओं के वित्तीय लक्ष्य पर किए गए सर्वे में कहा गया है कि लगभग 24 फीसद लोग सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन को प्राथमिकता में रखकर फैसले लेते हैं। एक साल पहले तक इस सोच के साथ फैसले लेने वालों की संख्या केवल 10 फीसद थी। यह सर्वे दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे के लोगों पर किया गया है। इनमें से एक चौथाई ने बताया कि उन्होंने घूमने की योजना, दूसरा घर और कार खरीद को रिटायरमेंट योजनाओं की वजह से टाल दिया है। ऐसा करने वालों में ज्यादातर की उम्र 28 से 33 के बीच है। एमरीप्राइस की वित्तीय प्रेसीडेंट किम एम शरण ने बताया कि बाजार के लिए यह ट्रेंड बढ़ना सकारात्मक है। सेवानिवृत्ति को प्राथमिकता में रखना दूरदर्शी फैसला है।
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी कामकाजी महिलाएं, जिनकी अभी शादी नहीं हुई है खुद को वित्तीय तौर पर ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। इस मामले में पुरुषों का प्रतिशत कम है। इसलिए पुरुष अपने पैसे को निवेश करते हैं। शादी के बाद प्राथमिकताएं बदलने के साथ ही पुरुषों का निवेश कम हो जाता है। काम न करने वाली महिलाएं भी अपने पति पर निर्भर होने की वजह से वित्तीय फैसले नहीं ले पातीं।