डेढ़ करोड़ डेयरी किसानों को मार्च अंत तक मिलेंगे तीन लाख करोड़, दिए जाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड
चालू वित्त वर्ष (2020-21) के अंत तक देश के डेढ़ करोड़ से अधिक किसानों को पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने की योजना को पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि क्षेत्र की विकास दर को गति देने के लिए उससे संबद्ध क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने पर सरकार का जोर है। लॉकडाउन के दौरान डेयरी क्षेत्र के किसानों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, जिनकी मदद के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। डेयरी से जुड़े पशुपालकों को पहली बार किसान मानकर उन्हें हरसंभव मदद की जा रही है। चालू वित्त वर्ष (2020-21) के अंत तक देश के डेढ़ करोड़ से अधिक किसानों को पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने की योजना को पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
डेयरी किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार ने कई तरह की मदद मुहैया कराई है। इसके तहत केसीसी पर डेयरी किसानों को तकरीबन तीन लाख करोड़ रुपये के रियायती ऋण देने का प्रावधान किया गया है। इससे जरूरतमंद डेयरी किसानों को अपना कारोबार बढ़ाने में पूरी मदद मिल सकती है। डेयरी से जुड़ी उन सहकारी संस्थाओं को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई है, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान कच्चा दूध खरीदने की पहल की है।
देश के डेयरी को-ऑपरेटिव मूवमेंट से उपजे 230 दुग्ध सहकारी संस्थानों से लगभग 1.7 करोड़ डेयरी किसान जुड़े हुए हैं। इनमें से 1.5 करोड़ किसानों को अगले दो महीने के भीतर केसीसी प्रदान करने का लक्ष्य है। किसानों को केसीसी पर तीन लाख रुपये तक का ऋण रियायती दरों पर मिलता है। उसी तर्ज पर उन मिल्क यूनियन से संबद्ध डेयरी किसानों को बिना किसी गारंटी के लोन मिलेगा।केसीसी के लिए स्पेशल अभियान चलाया जा रहा है, जो 31 जुलाई तक चलेगा।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने किसानों को केसीसी पर कुल पांच लाख करोड़ रुपये के रियायती कृषि ऋण का एलान किया था। कृषि की विकास दर को तेज करने में डेयरी क्षेत्र की अहम भूमिका है। डेयरी क्षेत्र पिछले पांच वर्षो से लगातार छह फीसद से अधिक की विकास दर से आगे बढ़ रहा है। कोरोना की वजह से जहां देश की अर्थव्यवस्था में गंभीर मंदी का रुख है, वहीं कृषि क्षेत्र से बहुत अधिक संभावनाएं हैं।