Petrol-Diesel की खपत में बड़ी गिरावट से बढ़ी तेल कंपनियों की चिंताएं, रसोई गैस की खपत में आया उछाल
पेट्रोलियम कंपनी BPCL और HPCL ने कहा है कि उनकी पेट्रोल और डीजल की बिक्री में 55 फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में पेट्रोल-डीजल की घटती मांग ने राष्ट्रीय तेल कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण फ्यूल की मांग में भारी गिरावट के कारण राष्ट्रीय तेल कंपनियों की रिफायनरीज में काम काफी कम रह गया है। इस वजह से अब हो रहे नुकसान को लेकर इन कंपनियों कि चिंताएं बढ़ गई हैं। भारत विश्व का तीसरा बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस समय देश में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं।
इसके अलावा इस समय विमान सेवाएं स्थगित हैं, यात्री ट्रेनें रुकी हुई हैं और लगभग सारे वाहनों की आवाजाही रुकी हुई है। इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल की खपत पर पड़ा है। आईओसी द्वारा सालाना आधार पर जारी किये गए राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने यानी मार्च में डीजल की खपत 26 फीसद और पेट्रोल की खपत 17 फीसद गिर गई है। इसके अलावा मार्च महीने में एविएशन फ्यूल की खपत में 33 फीसद की गिरावट आई है।
पेट्रोलियम कंपनी बीपीसीएल और एचपीसीएल ने कहा है कि उनकी पेट्रोल और डीजल की बिक्री में 55 फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं, करीब आधे बाजार को कंट्रोल करने वाली आईओसी ने अपने ब्रिक्री के आंकड़े साझा नहीं किये हैं।
मार्च महीने में सिर्फ एक तरह के फ्यूल की खपत में ही तेजी आई है और वह है रसोई गैस। देशव्यापी लॉकडाउन के बाद डर की वजह से की गई खरीदारी के कारण भी इसकी खपत में तेजी आई है। आईओसी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में एलपीजी की खपत में 1.7 फीसद का इजाफा हुआ है। यहां बता दें कि देश में कुल 27.59 करोड़ सक्रिय एलपीजी उपभोक्ता हैं। गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही 21 दिन का लॉकडाउन लागू है।