अपनी इस नई निवेश तकनीक से अब अधिक धन जुटा सकेगी सेबी, करने जा रही है यह अहम बदलाव
सेबी के अनुसार वार्षिक आय कम से कम दो करोड़ रुपये या कम से कम 7.50 करोड़ की कुल संपत्ति वाला कोई व्यक्ति हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) पारिवारिक ट्रस्ट या एकमात्र स्वामित्व एक मान्यता प्राप्त निवेशक हो सकते हैं जिसमें कम से कम आधा फाइनेंशियल असेट होना जरूरी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बाजार में अधिक धन जुटाने की अपनी कोशिशों के तहत बाजार नियामक संस्था सेबी ने भारतीय प्रतिभूति बाजार में ‘मान्यता प्राप्त निवेशकों’ की अवधारणा पेश की है, जिससे धन जुटाने के लिए एक नया माध्यम खुलने की उम्मीद की जा रही है। इस अवधारणा के तहत सेबी के द्वारा किसी व्यक्ति या संस्था की पहचान शुद्ध संपत्ति या आय के आधार पर एक मान्यता प्राप्त निवेशक के रूप में की जाएगी।
सेबी के द्वारा तीन अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार कोई भी व्यक्ति, HUFs, पारिवारिक ट्रस्ट, एकल स्वामित्व, साझेदारी फर्म, ट्रस्ट और निकाय तय वित्तीय मानकों के आधार पर मान्यता हासिल कर सकते हैं। सेबी ने कहा कि डिपॉजिटरी और स्टॉक एक्सचेंज की सहायक कंपनियों के द्वारा ऐसे निवेशकों को मान्यता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
सेबी के अनुसार वार्षिक आय कम से कम दो करोड़ रुपये या कम से कम 7.50 करोड़ की कुल संपत्ति वाला कोई व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), पारिवारिक ट्रस्ट या एकमात्र स्वामित्व, एक मान्यता प्राप्त निवेशक हो सकते हैं, जिसमें कम से कम आधा फाइनेंशियल असेट होना जरूरी है। इसी तरह से कम से कम 1 करोड़ रुपये की वार्षिक आय और 5 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति वाली ऐसी संस्थाएं, जिनकी वित्तीय संपत्ति कम से कम आधी हो, वे भी एक मान्यता प्राप्त निवेशक बन सकती हैं। दोनों ही स्थिति में कुल संपत्ति का आधार हिस्सा वित्तीय परिसंपत्तियों में होना जरूरी है।पारिवारिक ट्रस्टों के अलावा अन्य ट्रस्टों के लिए, निवेशक के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए उनका नेट वर्थ कम से कम 50 करोड़ का होना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि कॉर्पोरेट्स के लिए यह सीमा 50 करोड़ रुपये तय की गई है। साझेदारी फर्म में प्रत्येक भागीदार को स्वतंत्र रूप से मान्यता के लिए शर्तों को पूरा करना होगा।
सेबी के अनुसार केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें, उनके द्वारा स्थापित फंड, विकास एजेंसियां, योग्य संस्थागत खरीदार, श्रेणी I FPI, सॉवरेन वेल्थ फंड और बहुपक्षीय एजेंसियां मान्यता प्राप्त निवेशक होंगी और उन्हें मान्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। अधिकृत निवेशकों के पास वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) मानदंडों और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (PMS) नियमों में अनिवार्य न्यूनतम राशि से कम निवेश राशि के साथ निवेश उत्पादों में भाग लेने की सुविधा रहेगी।
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार इस नए निवेशक वर्ग के पास IFs और PMS में उनकी जोखिम क्षमता के अनुरूप अधिक निवेश करने की छूट उपलब्ध होगी। AIF में जहां प्रत्येक निवेशक 70 करोड़ का निवेश करता है, वहां पर मान्यता प्राप्त निवेशक को कुछ छूट मिल सकती है। अधिसूचना के अनुसार, मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए "लार्ज वैल्यू फंड" का मतलब AIF की योजना है जिसमें प्रत्येक निवेशक (AIF के प्रबंधक, प्रायोजक, कर्मचारी या निदेशक या कर्मचारी या प्रबंधक के निदेशक के अलावा) मान्यता प्राप्त निवेशक हैं और 70 करोड़ का निवेश कर सकते हैं।
साथ ही सेबी ने कहा कि मान्यता प्राप्त निवेशकों को योगदान समझौते और अन्य फंड दस्तावेजों की शर्तों के अधीन लार्ज वैल्यू फंड को दो साल से आगे बढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है। श्रेणी I और II के मान्यता प्राप्त निवेशकों लार्ज वैल्यू फंड में निवेश योग्य फंड का 50 प्रतिशत तक सीधे निवेश करने वाली कंपनी में या अन्य AIF की इकाइयों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। श्रेणी III के निवेशकों के लिए यह सीमा 25 प्रतिशत की रखी गई है। मान्यता प्राप्त निवेशक, पंजीकृत PMS प्रदाता के साथ न्यूनतम 10 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश के संबंध में नियामक आवश्यकता से छूट प्राप्त कर सकते हैं और PMS प्रदाता के साथ द्विपक्षीय रूप से बातचीत के जरिए समझौता कर सकते हैं।
अपनी एक अधिसूचना में सेबी ने बताया कि "लार्ज वैल्यू फंड वाले मान्यता प्राप्त निवेशक" का अर्थ यह है कि जिसने न्यूनतम 10 करोड़ रुपये की निवेश राशि के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर के साथ समझौता किया हो। सेबी के अनुसार, पोर्टफोलियो प्रबंधक गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में ऐसे मान्यता प्राप्त निवेशकों के प्रबंधन के तहत संपत्ति के 100 प्रतिशत तक निवेश के लिए विवेकाधीन या गैर-विवेकाधीन या सलाहकार सेवाएं प्रदान कर सकता है। यह दस्तावेज़ में क्लाइंट और पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच सहमत शर्तों के अधीन है।
साथ ही सेबी ने मान्यता प्राप्त निवेशकों सहित अपने ग्राहकों से निवेश सलाहकारों (IAs) द्वारा लिए जाने वाले सलाहकार शुल्क को अलग से अधिसूचित किया है। इस संबंध में सेबी ने AIF,PMS और निवेश सलाहकार नियमों में संशोधन किया है। यह कदम तब उठाया गया है जब बोर्ड ने जून में मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए रूपरेखा पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।