मोदी डिविडेंड: सुस्ती से उबरा भारत
मोदी सरकार के आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था से सुस्ती का ठप्पा भी हट गया है। अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने भी इस पर मुहर लगा दी है कि भारत आर्थिक सुस्ती के दौर से उबर चुका है। नई सरकार के आर्थिक सुधारों और नीतिगत पहलों से अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर से पांच फीसद के ऊपर रहेगी। दोनों विश्व
वाशिंगटन। मोदी सरकार के आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था से सुस्ती का ठप्पा भी हट गया है। अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने भी इस पर मुहर लगा दी है कि भारत आर्थिक सुस्ती के दौर से उबर चुका है। नई सरकार के आर्थिक सुधारों और नीतिगत पहलों से अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर से पांच फीसद के ऊपर रहेगी। दोनों विश्व संस्थाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार चालू वर्ष में 5.6 और अगले साल 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक के पहले दिन आइएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री आलिवियर ज्यां ब्लैंकार्ड ने कहा भारत जैसे कुछ देश मंदी से पूरी तरह उबर गए हैं, लेकिन बाकी अब भी इससे जूझ रहे हैं। नई सरकार की नीतिगत पहलों और आर्थिक सुधार के कदमों से निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है। इनकी वजह से ही भारत अपनी इस तुलनात्मक मंदी से बाहर आ पाया है।
आइएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक नामक ताजा रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में भारत की आर्थिक विकास दर तो बढ़कर 6.4 फीसद पर पहुंच जाएगी, जबकि चीन की रफ्तार घटेगी।
चालू साल में चीन की आर्थिक विकास दर 7.4 और अगले वर्ष 7.1 फीसद रहेगी। पिछले साल भारत की विकास दर पांच फीसद से भी नीचे चली गई थी। वैसे, मुद्राकोष ने 2014 में ग्लोबल विकास दर 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
विश्व बैंक ने इससे पूर्व जारी अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार के आने से भारत में आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। साल 2015-16 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.4 फीसद रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने इसे 'मोदी डिविडेंड' का नतीजा बताया है। विश्व की दिग्गज अर्थव्यवस्था अमेरिका के रफ्तार पकड़ने का भी भारत को फायदा मिलेगा।