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अब कारोबार विस्तार से मंदी का मुकाबला करेंगी कंपनियां, लंबी अवधि में ग्रोथ पर है नजर

मांग को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अपनी लंबी अवधि की निवेश योजनाएं तो बना ही रही हैं इसके साथ ही उनका ध्यान आने वाले त्योहारी सीजन पर भी है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 09:40 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 11:49 AM (IST)
अब कारोबार विस्तार से मंदी का मुकाबला करेंगी कंपनियां, लंबी अवधि में ग्रोथ पर है नजर
अब कारोबार विस्तार से मंदी का मुकाबला करेंगी कंपनियां, लंबी अवधि में ग्रोथ पर है नजर

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इकोनॉमी की सुस्त रफ्तार के इस माहौल को कंपनियां कारोबारी विस्तार के मौके के तौर पर देख रही हैं। बिक्री में गिरावट के बावजूद ऑटोमोबाइल से लेकर मोबाइल हैंडसेट और रिटेल सेक्टर की कई कंपनियां विस्तार पर नए निवेश की योजनाएं लेकर सामने आई हैं। इनमें ऑटो सेक्टर की मारुति सुजुकी, मोबाइल हैंडसेट सेक्टर की वीवो और वन प्लस तथा अपैरल रिटेलिंग सेक्टर की वी-मार्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने इस दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। इस माहौल में कंपनियों की तरफ से निवेश बढ़ाने के पीछे कंपनियों की सोच यह भी है कि इससे इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जो अंतत: ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी।

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जानकार मानते हैं इससे उनके पास अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। इंडस्ट्री एनालिस्ट और जुनिपर एडवाइजर्स के निदेशक श्रीनिवास रेड्डी मानते हैं, ‘इस तरह के कदम बाजार में नई मांग पैदा करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।’यही वजह है कि अपनी कारों की बिक्री में बड़ी गिरावट का सामना कर रही मारुति सुजुकी न केवल नए उत्पादों में निवेश की रणनीति पर कायम है, बल्कि अपने गुजरात प्लांट में तीसरी उत्पादन लाइन के निर्माण कार्य को भी जारी रखे हुए है।

कंपनी की सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने पिछले हफ्ते ही इस बात का एलान किया था। कंपनी न केवल नए प्रोडक्ट लाने की तैयारी कर रही है, बल्कि तीसरी लाइन में अगले साल की पहली तिमाही से उत्पादन भी शुरू कर देगी।मोबाइल हैंडसेट कंपनियों की रणनीति भी निवेश और विस्तार को बनाए रखने की है। वीवो इंडिया भी देश में एक नई मैन्यूफैक्चरिंग इकाई लगा रही है, जिस पर वह 3,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

कंपनी ने स्मार्टफोन कैटेगरी में अगले 10 वषों के लिए व्यापक योजना तैयार की है। इसके तहत कंपनी हैंडसेट निर्माण पर कुल 7,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के डायरेक्टर (ब्रांड स्ट्रैटेजी) निपुण मार्या ने बताया कि नई इकाई शुरू होने के बाद मैन्यूफैक्चरिंग की क्षमता पांच करोड़ यूनिट सालाना की हो जाएगी। इसी तरह एक अन्य मोबाइल कंपनी वन प्लस भी देश में आरएंडडी पर एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है।

मांग को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अपनी लंबी अवधि की निवेश योजनाएं तो बना ही रही हैं, इसके साथ ही उनका ध्यान आने वाले त्योहारी सीजन पर भी है। मांग को बढ़ाने में इस त्योहारी सीजन को वे एक शुरुआती टिगर मान रही हैं। यही वजह है कि फैशन और लाइफस्टाइल रिटेल में छोटे शहरों में कारोबार करने वाली कंपनियां भी विस्तार के मोड में हैं। देश के करीब 198 शहरों में 233 रिटेल स्टोर चला रही वी-मार्ट 60 नए स्टोर खोलने जा रही है।

कंपनी इसी वित्त वर्ष में इन पर 115 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ललित अग्रवाल का मानना है, ‘जिस बाजार में हम हैं वहां अभी भी खपत का स्तर ऊंचा है। इसलिए भविष्य में भी हम टियर टू से टियर फोर शहरों तक जाने की योजना रखते हैं।’


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