आरबीआई वर्ष 2017 में नहीं बदलेगा नीतिगत ब्याज दरें: नोमुरा
वर्ष 2017 में आरबीआई नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है
नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रख सकता है। हालांकि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ने के साथ ही आने वाले समय में रेपो रेट में आधी फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा की एक हालिया रिपोर्ट में कही गई है।
क्या कहती है नोमुरा की रिपोर्ट:
नोमुरा के मुताबिक, आरबीआई वर्तमान में निम्न मुद्रास्फीति आंकड़ों को देख रहा है। इसे देखते हुए वह वर्ष 2017 में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। हालांकि, आने वाले समय में जैसे जैसे आर्थिक वृद्धि तेज होगी और मुद्रास्फीति का आंकड़ा चढ़ेगा उसके साथ ही नीतिगत दर में वृद्धि हो सकती है और 2018 में कुल मिलाकर इसमें आधी फीसद तक का इजाफा किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति बीते वर्ष अप्रैल महीने के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल में 2.99 फीसद रह गई है। मुद्रास्फीति में यह गिरावट मुख्य तौर पर दलहन और सब्जियों की कीमतों में आई कमजोरी के कारण आई है। इस बार थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ें वर्ष 2011-12 की नई श्रंखला के आधार पर जारी किए गए हैं। नई श्रंखला के आधार पर थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अप्रैल में चार महीने के निचले स्तर 3.85 फीसद पर रह गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले इस वर्ष तीसरी मौद्रिक समीक्षा में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.25 फीसद पर बरकरार रखा है। हालांकि, रिवर्स रेपो रेट को चौथाई फीसद बढ़ाकर 6 फीसद कर दिया है।
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