अगले वित्त वर्ष में भारतीय GDP के 7% से नीचे रहने की संभावना बेहद अधिक: नोमुरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मंदी सख्त वित्तीय स्थिति और चुनावी साल की राजनीतिक अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि की राह में सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसद से नीचे रह सकती है। जापानी ब्रोकरेज एजेंसी नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल की गिरती कीमतों और विस्तारवादी बजट के बावजूद 2019-20 में भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 7 फीसद से नीचे रहने की संभावना ''बहुत ज्यादा'' है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मंदी, सख्त वित्तीय स्थिति और चुनावी साल की राजनीतिक अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि की राह में सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी।
नोमुरा ने कहा है, 'इन चुनौतियों की वजह से खपत और निवेश में कमी आएगी, जिससे वृद्धि दर को झटका लगेगा।' साथ ही चुनाव की वजह से नए निवेश की ''संभावना बेहद कमजोर'' हो गई है।
ब्रोकरेज एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 6.8 फीसद जबकि वित्त वर्ष 2019 के लिए करीब 7 फीसद का अनुमान जताया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 7.4 फीसद जीडीपी का अनुमान जाहिर किया है।
गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के बाद सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 7.2 फीसद का था। भारत ने यह अनुमान वैसे समय में घटाया है, जब लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट आई है।
दिसंबर तिमाही में भारतीय जीडीपी 6.4 फीसद रही, जिसके बाद सरकार ने पूरे साल के लिए जारी पूर्वानुमान को संशोधित कर दिया।
हालांकि, इस कटौती के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
चीन ने इस साल के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के अनुमान को आधिकारिक रूप से घटाकर 6-6.5 फीसद कर दिया है।
चीन की अर्थव्यवस्था निर्यात पर आधारित है और पिछले साल यह 6.6 फीसद की दर से आगे बढ़ी थी, जो पिछले तीन दशक में सबसे कमजोर ग्रोथ रेट थी।
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