मुद्रास्फीति पर जीएसटी का प्रभाव 20 बीपीएस से कम होगा: नोमुरा
नोमुरा का कहना है मुद्रास्फीति पर जीएसटी का असर 20 आधार अंक से कम रह सकता है।
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन में वित्तीय रूप से तटस्थ रहने की संभावना है और मुद्रास्फीति पर इसका असर 20 आधार अंक से कम रह सकता है। वैश्विक एजेंसी नोमुरा की हालिया रिपोर्ट में ऐसा ही कहा गया है।
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल लगातार प्रगति कर रही है और इस साल जुलाई-सितंबर की तिमाही में इसके कार्यान्वित होने की संभावना है। हालांकि जीएसटी का असर बेहद मामूली रहने की उम्मीद है और विकास दर के इसके कार्यान्वयन के चलते प्रभावित होने की संभावना है।
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नोमुरा के इस रिसर्च नोट में कहा गया, “निकट अवधि में हम जीएसटी के वित्तीय रुप से तटस्थ होने की उम्मीद करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति पर प्रभाव कम से कम (न्यूनतम) 20 आधार अंक पर रह सकता है। साथ ही इसके कार्यान्वयन से विकास पर बेहद मामूली असर दिखाई पड़ने के आसार हैं।”
जीएसटी से जीडीपी में 150-200 आधार अंकों की वृद्धि होगी: HDFC
एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने शुक्रवार को बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण देश की जीडीपी ग्रोथ में 150 से 200 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हो सकता है। इंडिया टुडे के कान्क्लेव में उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास अच्छी जीएसटी प्रणाली होती है तो बहुत सारे विशेषज्ञों का कहना है कि इससे जीडीपी में 150-200 अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है।”
आपको बता दें कि साल 2016 के दिसंबर में खत्म हुई तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट सात फीसदी दर्ज की गई था और संपूर्ण वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी दर 7.1 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया। जाने-माने उद्योगपति आदि गोदरेज का कहना है कि एक बार जीएसटी लागू हो जाएगा तो इससे जीडीपी को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, "एक बार हम जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे तो कई सारी चीजें सुधर जाएंगी। इससे अप्रत्यक्ष कर चोरी मुश्किल हो जाएगी, जिससे ज्यादा राजस्व इकट्ठा होगा और उम्मीद है कि कर की दरें घटेंगी।"