Move to Jagran APP

साल 2017 में जीडीपी का 1.5 फीसद तक हो सकता है भारत का चालू खाता घाटा: नोमुरा

नोमुरा की माने तो चालू खाता घाटा साल 2017 में बढ़कर जीडीपी का 1.5 फीसद हो सकता है, जो कि साल 2016 में जीडीपी का 0.6 फीसद रहा था

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 01:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 01:56 PM (IST)
साल 2017 में जीडीपी का 1.5 फीसद तक हो सकता है भारत का चालू खाता घाटा: नोमुरा
साल 2017 में जीडीपी का 1.5 फीसद तक हो सकता है भारत का चालू खाता घाटा: नोमुरा

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत का चालू खाता घाटा साल 2017 में जीडीपी के 1.5 फीसद के स्तर तक पहुंच सकता है, साल 2016 के दौरान यह 0.6 फीसद रहा था। लेकिन घाटे की तुलना में शुद्ध पूंजी प्रवाह इससे कहीं अधिक होने की उम्मीद है। यह अनुमान जापान की एजेंसी नोमुरा ने लगाया है।

loksabha election banner

जापानी वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा ने बताया कि दूसरी तिमाही में व्यापक चालू खाता घाटा और जुलाई-अगस्त में अभी तक व्यापार घाटे में हुई बढ़ोतरी बताती है कि इस साल चालू खाता घाटा और बढ़ सकता है। नोमुरा ने अनुमान लगाया है कि साल 2017 में चालू खाता घाटा जीडीपी का 1.5 फीसद रह सकता है। लेकिन साथ में उसने यह भी कहा कि फंडिंग इसमें एक बाधा नहीं होगी।

इस साल की अप्रैल जून तिमाही के दौरान देश का चालू खाता घाटा 14.3 बिलियन डॉलर यानी कि जीडीपी का 2.4 फीसद रहा था। अनुक्रमिक आधार पर जनवरी मार्च तिमाही के दौरान देश का चालू खाता घाटा बढ़कर 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी जीडीपी के 0.6 फीसद के बराबर पहुंच गया था।

नोमुरा की रिसर्च नोट में कहा गया, “हमे उम्मीद हैं कि चालू खाता घाटा साल 2017 में बढ़कर जीडीपी का 1.5 फीसद हो सकता है, जो कि साल 2016 में जीडीपी का 0.6 फीसद रहा था। लेकिन हमारा मानना है कि शुद्ध पूंजी प्रवाह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से ज्यादा होगा साथ ही पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट भी चालू खाता घाटा की निधि से ज्यादा होगा।” आधिकारिक डेटा के मुताबिक नेट फॉरेन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर रहा है, जो कि बीते साल की समान अवधि की तुलना में लगभग दोगुना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.