Jevar Airport बनेगा डिजिटल एयरपोर्ट: चेक-इन, बोर्डिंग और सिक्योरिटी चेकिंग में नहीं लगेगा वक्त; इन कमाल की खूबियों से होगा लैस
Noida Airport नोएडा एयरपोर्ट पर यात्रियों का चेक-इन और बोर्डिंग डिजिटली होगा। जिससे एयरपोर्ट पर यात्रियों का समय बर्बाद नहीं होगा। इसके लिए कंपनी एक प्रीमियम सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विस ऑफर करेगी। जिससे यात्री वीआईपी एंट्री और एक्जिट कर पाएगे।
नई दिल्ली, सौरभ वर्मा. जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) देश का सबसे बड़ा अंतरष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। एयरपोर्ट के निर्माण का काम शुरू हो गया है। इसके 31 दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही उसके संचालन का खाका खींचा जा रहा है। इसके लिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) ने डिजिटल पार्टनर के तौर पर आईसीएडी (iCAD) होल्डिंग लिमिटेड को चुना है।
नोएडा एयरपोर्ट पर मिलेगी वीआईपी सुविधा
इस साझेदारी पर जागरण न्यू मीडिया ने ICAD के ग्रुप सीईओ Ghussan Sayegh और कंपनी के इंटरनल ऑरेशन्स डायरेक्टर सैय्यद फिरोज मेहंदी से बातचीत की। इन दोनों ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट पर यात्रियों का चेक-इन और बोर्डिंग डिजिटली होगा। साथ ही सामन के लोडिंग और सिक्योरिटी चेकिंग के समय को कम किया जाएगा। जिससे एयरपोर्ट पर यात्रियों का समय बर्बाद नहीं होगा। इसके लिए कंपनी एक प्रीमियम सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विस ऑफर करेगी। इससे यात्री वीआईपी एंट्री और एक्जिट कर पाएंगे। हालांकि इस सर्विस के लिए यात्रियों को कुछ एक्स्ट्रा चार्ज देने होंगे। यह सर्विस खासतौर पर उन यात्रियों के लिए होगी, जो अक्सर हवाई सफर करते हैं। ऐसे यात्रियों का डेटा पहले से एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास मौजूद होगा। साथ ही ऑटोमेटेकली बॉडी स्कैन जैसी सुविधाएं ऑफर की जाएंगी, जिससे बोर्डिंग, चेकिंग और सामान चेक-इन के दौरान समय बर्बाद नहीं होगा। ऐसे में यात्रियों को एयरपोर्ट पर 2 घंटे पहले नहीं जाना होगा।
मिलेंगी ये अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं
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फिरोज मेहंदी ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट को दुनियाभर में डिजिटल एयरपोर्ट के तौर पर पहचान मिलेगी। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। होटल की तरह के वेटिंग हॉल होंगे।
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नोएडा एयरपोर्ट पूरी तरह से पेपरलेस होगा। मतलब बोर्डिंग पास से लेकर हर तरह का काम डिजिटली होगा। इसके लिए यात्री के पास मोबाइल फोन होना जरूरी होगा।
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नोएडा एयरपोर्ट फ्यूल एनर्जी सेविंग तकनीक पर काम करेगा। ऐसे में एयरपोर्ट परिसर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की एंट्री होगी।
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एयरपोर्ट के संचालन के लिए इंटीग्रेटेड सिस्टम बनेगा। एयरपोर्ट यात्री सेवाओं, इनडोर नेविगेशन, यात्री भीड़ प्रबंधन और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीक से लैस होगा।
- जेवर एयरपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की डिजि ट्रैवेल पॉलिसी के तहत काम होगा।