Move to Jagran APP

मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र: मौजूदा एफडीआई नीति में नहीं होगा कोई बदलाव

सरकार मल्टी-ब्रांड खुदरा कारोबार में मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में कोई बदलाव नहीं करना चाहती है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 08:41 AM (IST)
मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र: मौजूदा एफडीआई नीति में नहीं होगा कोई बदलाव
मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र: मौजूदा एफडीआई नीति में नहीं होगा कोई बदलाव

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार मल्टी-ब्रांड खुदरा कारोबार में मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में कोई बदलाव नहीं करना चाहती है। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

loksabha election banner

औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) में सचिव रमेश अभिषेक ने कहा, "आपको मौजूदा मल्टी-ब्रांड खुदरा नीति के बारे में पता है। इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।"

वह एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 100 फीसद करने के बारे में सोच रही है। इस क्षेत्र को राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है। मौजूदा एफडीआई नीति विदेशी कंपनियों को भारतीय मल्टी-ब्रांड खुदरा कंपनी में 51 फीसद हिस्सेदारी की अनुमति देती है।

अब तक केवल एक विदेशी कंपनी टेस्को को मल्टी-ब्रांड खुदरा नीति के तहत स्टोर खोलने के लिए मंजूरी मिली है। पिछली यूपीए सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। उद्योग मंडल सीआईआई ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सरकार को मल्टी-ब्रांड खुदरा कारोबार में 100 फीसद एफडीआई की मंजूरी देने का सुझाव दिया है। खुदरा कारोबार के शीर्ष संगठन कैट ने इस सुझाव का पुरजोर विरोध किया।

डीआईपीपी सचिव रमेश अभिषेक ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि 650 अरब डॉलर का खुदरा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और इसमें कंपनियों के लिए काफी संभावना है। उन्होंने कहा, "संगठित खुदरा क्षेत्र का आकार केवल 10 फीसद (650 अरब डॉलर में) है। वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों की हिस्सेदारी केवल तीन फीसद है। मुझे लगता है कि ई-कॉमर्स और संगठित खुदरा क्षेत्र में वृद्धि के लिए शानदार गुंजाइश है।" अभिषेक ने कहा कि मध्यम वर्ग की बढ़ती संख्या तथा आय बढ़ने के साथ खुदरा क्षेत्र में बड़ी क्रांति आनी तय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.