खरीदारी में डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर देने की जरूरत नहीं
आरबीआइ के दिशानिर्देश के बाद मास्टरकार्ड और वीसा जैसे प्रमुख कार्ड नेटवर्क्स अब कार्ड पर टोकन की सुविधा दे सकेंगे।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड ट्रांजेक्शन उपकरणों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने इन पर टोकन सुविधा देने की अनुमति दे दी है। आरबीआइ के आठ जनवरी को जारी दिशानिर्देश से उपभोक्ताओं को भुगतान प्रक्रिया में अपने कार्ड का मूल नंबर देने की जरूरत नहीं रहेगी।
दिशानिर्देश क्या है: आरबीआइ के दिशानिर्देश के बाद मास्टरकार्ड और वीसा जैसे प्रमुख कार्ड नेटवर्क्स अब कार्ड पर टोकन की सुविधा दे सकेंगे। इसके लिए कार्डधारक को टोकन सुविधा मुहैया कराने वाले एप पर अपने कार्ड को पंजीकृत कराना होगा। दिशानिर्देश के मुताबिक यह सुविधा नि:शुल्क होगी। टोकन से होने वाले ट्रांजेक्शन के मामले में भी पिन एंट्री जैसे आरबीआइ के सभी सुरक्षा निर्देश लागू रहेंगे।
टोकन का मतलब क्या: टोकन सुविधा के तहत बैंक द्वारा जारी किया जाने वाला विशिष्ट टोकन उपभोक्ता के कार्ड के संवेदनशील विवरण को साझा नहीं होने देगा। उपभोक्ताओं को ट्रांजेक्शन में कार्ड की जगह इस टोकन का उपयोग करना होगा। टोकन का उपयोग प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल और क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड में हो सकेगा। डेबिट और क्रेडिट कार्ड को साइबर ठगी में बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जाता है और टोकन सुविधा को अनुमति दिया जाना इन्हें सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टोकन सुविधा के लिए आरबीआइ की अनुमति ट्रांजेक्शन के सभी चैनलों में लागू होगी। यह नीयर फील्ड कम्युनिकेशन या मैगनेटिक सिक्योर ट्रांजेक्शन (एमएसटी) आधारित कांटैक्टलेस ट्रांजेक्शन, एप से होने वाले भुगतान, क्यूआर कोड आधारित भुगतान और टोकन स्टोरेज प्रणाली जैसे सभी चैनलों में काम करेगी। यह सुविधा हालांकि शुरू में सिर्फ मोबाइल फोन और टैबलेट के जरिये ही मिल पाएगी। बाद में यह सुविधा अन्य डिवाइसों पर भी देने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है।