आर्थिक सुस्ती के लिए रघुराम राजन की नीतियां जिम्मेदार, नोटबंदी नहीं: राजीव कुमार
कुमार ने कहा कि नॉन पर्फार्मिंग एसेट्स (एनपीए) पर राजन की जो नीतियां थीं वो ही अर्थव्यवस्था को सुस्ती की तरफ ले गईं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती के लिए राजन की नीतियां जिम्मेदार थीं नोटबंदी नहीं। राजीव कुमार ने कहा कि राजन की नीतियों के कारण उद्योगों की हालत ऐसी हो गई कि वो बैंकों से कर्ज नहीं ले पा रहे थे, जिसने बैडलोन की मात्रा को बढ़ा दिया।
उन्होंने आगे कहा कि नॉन पर्फार्मिंग एसेट्स (एनपीए) पर राजन की जो नीतियां थीं वो ही अर्थव्यवस्था को सुस्ती की तरफ ले गईं, न कि सरकार की ओर से लिया गया नोटबंदी का फैसला जिसमें 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य कर दिए गए थे। उन्होंने कहा, "नोटबंदी की अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कारण नहीं आई थी, बल्कि उस समय अर्थव्यवस्था में गिरावट का रुख जारी था, ग्रोथ रेट लगातार छह तिमाहियों में गिरी थी।"
राजीव कुमार ने कहा, "ग्रोथ में गिरावट आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों की वजह से आई थी।" चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 फीसद रही है जबकि इसकी पिछली तिमाही में (बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में) 7.7 फीसद रही थी।
कुमार ने कहा कि राजन के कार्यकाल में लाई गईं प्रणालियों के कारण स्ट्रैस्ड नॉन पर्फार्मिंग एसेट्स (एनपीए) में बढ़ोतरी हुई और इसी वजह से इंडस्ट्री को बैंकिंग सेक्टर से लोन मिलना बंद हो गया।