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2030 तक 2.35 करोड़ होगी गिग वर्कर्स की संख्या, सामाजिक सुरक्षा के उपाय जरूरी : नीति आयोग

इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2029-30 तक गिग वर्कर्स (Gig Workers) की संख्या गैर-कृषि कार्यबल का 6.7 फीसद या भारत में उपलब्ध कुल आजीविका साधनों का 4.1 फीसद होने की उम्मीद है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 08:39 AM (IST)
2030 तक 2.35 करोड़ होगी गिग वर्कर्स की संख्या, सामाजिक सुरक्षा के उपाय जरूरी : नीति आयोग
Gig Economy in India on the rise

नई दिल्ली, पीटीआइ/बिजनेस डेस्क । स्वतंत्र रूप से काम करने वाले कामगारों (गिग वर्कर्स) पर नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की गिग वर्कफोर्स 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने की उम्मीद है, जो 2020-21 में 77 लाख थी। रिपोर्ट में ऐसे कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा (Social Security for Gig Workers) देने पर जोर दिया गया है।

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क्या कहती है रिपोर्ट

'इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2029-30 तक गिग वर्कर्स (Gig Workers) की संख्या गैर-कृषि कार्यबल का 6.7 फीसद या भारत में उपलब्ध कुल आजीविका साधनों का 4.1 फीसद होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि 2020-21 में 77 लाख श्रमिक गिग इकॉनमी में लगे हुए थे और वे भारत में कृषि कार्यों से बाहर काम करने वाले वर्कफोर्स का 2.6 फीसद थे। यह अनुमान भी लगाया गया है कि 2019-20 में भारत में 68 लाख गिग वर्कर थे, जो भारत में कुल श्रमिकों का 1.3 फीसदी थे। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 26.6 लाख गिग श्रमिक खुदरा व्यापार और बिक्री में शामिल थे और लगभग 13 लाख परिवहन क्षेत्र में थे। लगभग 6.2 लाख मैन्युफक्चरिंग और अन्य 6.3 लाख वित्त और बीमा जैसे गतिविधियों में काम कर रहे थे। रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान में लगभग 47 प्रतिशत गिग कामगार मध्यम कुशल नौकरियों में, 22 प्रतिशत उच्च कुशल नौकरियों में और लगभग 31 प्रतिशत कम कुशल नौकरियों में हैं।

ऐसे सुधरेगी दशा

गिग-प्लेटफॉर्म की क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करने के लिए रिपोर्ट में स्ट्रीट फूड आदि के व्यवसाय में लगे लोगों को जोड़ने की सिफारिश की गई है, ताकि वे अपनी उपज को कस्बों और शहरों के व्यापक बाजारों में बेच सकें।

कौन हैं ये गिग वर्कर्स

आमतौर पर एक व्यक्ति जो एक स्वतंत्र ठेकेदार या फ्रीलांसर के रूप में सेवा क्षेत्र में अस्थायी नौकरी करता है, उसे गिग वर्कर कहा जाता है। गिग श्रमिक पारंपरिक श्रमिकों से भिन्न होते हैं। ये तुलनात्मक रूप से युवा होते हैं, कई घंटे लगातार काम करते हैं और लचीला वर्क शेड्यूल पसंद करते हैं। इनकी शिक्षा का स्तर भी बहुत अच्छा नहीं होता।


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