नीति आयोग के तीन वर्षीय एजेंडे ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों का सुझाव दिया
नीति आयोग के तीन वर्षीय एजेंडे में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। नीति आयोग ने अपने तीन साल के ड्राफ्ट एक्शन एजेंडे के तहत विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से कराधान, कृषि एवं ऊर्जा क्षेत्र में कई सुधारों और रोजगार के अवसरों में इजाफे का सुझाव दिया। अरविंद पनगढ़िया की ओर से जारी किए गए ड्राफ्ट एजेंडे में सरकार की भूमिका को फिर से संगठित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया, जिसमें ऐसी गतिविधियों में अपनी भागीदारी को सीमित करने का सुझाव दिया गया है जिसमें किसी सार्वजनिक उद्देश्य की सेवा की आपूर्ति नहीं की जाती है। अन्य चीजों के अलावा नुकसान में चल रही सीपीएसई को भी बंद करने और 20 सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश का भी सुझाव आयोग की तरफ से दिया गया है।
तीन साल का एजेंडे (2017-18 से 201 9 -20) कर चोरी को रोकने, कर आधार का विस्तार और सुधारों के माध्यम से कराधान प्रणाली को सरल करना के उद्देश्य से उठाया गया कदम बताया जा रहा है। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार वर्तमान दर से मौजूदा कस्टम ड्यूटी दरों को मजबूत करने पर विचार कर सकती है।
अन्य सुझावों में सार्वजनिक खरीद प्रणाली को मजबूत करने के अलावा प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों में सरकारी नियमों की व्यापक समीक्षा और सुधार के माध्यम से एक संस्थागत तंत्र का निर्माण शामिल है।
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