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इतिहास रचने के करीब इन्फोसिस: नीलेकणि

आमसभा में नीलेकणि ने भरोसा दिलाया कि अपने सपनों को साकार रूप देने के लिए कंपनी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 04:00 PM (IST)
इतिहास रचने के करीब इन्फोसिस: नीलेकणि
इतिहास रचने के करीब इन्फोसिस: नीलेकणि

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड के गैर-कार्यकारी चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा है कि कंपनी ने स्थायित्व संबंधी सवालों के जवाब के लिए पिछले एक वर्ष के दौरान कई कदम उठाए हैं। कंपनी के संस्थापक सदस्यों में एक नीलेकणि ने यह भी कहा कि इन्फोसिस ‘कुछ ऐतिहासिक’ हासिल करने के बेहद करीब है।

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कंपनी की 37वीं सालाना आमसभा में निदेशक बोर्ड और शेयरधारकों से नीलेकणि ने कहा, ‘पिछले वर्ष अगस्त में जब दूसरी बार मैंने इन्फोसिस में कदम रखा था, तो आपकी एक बड़ी चिंता कंपनी के स्थायित्व को लेकर थी। इसके निवारण के लिए पिछले एक वर्ष के दौरान हमने कई कदम उठाए हैं। हमारा प्रबंधन और कंपनी बोर्ड बेहद मजबूत है और हम सब एक हैं। हमारा मानना है कि यकीनन हम कुछ ऐतिहासिक हासिल करने के करीब हैं। अब हमें क्रियान्वयन पर अथक प्रयास करने होंगे।’ बैठक के बाद नीलेकणि ने यह भी कहा कि गुमनाम शिकायतकर्ताओं की तरफ से गवर्नेस संबंधी मामलों की जो भी शिकायतें कंपनी को मिली हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने कारोबार और ग्राहकों को लेकर बेहद संवेदनशील है। कंपनी के ग्राहक भी बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और उन्हीं बदलावों के बीच कंपनी बेहतर भविष्य की ओर देख रही है।

आमसभा में नीलेकणि ने भरोसा दिलाया कि अपने सपनों को साकार रूप देने के लिए कंपनी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। इसके लिए उन्होंने निदेशक बोर्ड के सभी सदस्यों और सभी शेयरधारकों से सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि उनकी टीम की जीवटता का ही नतीजा था कि कंपनी बीते वर्ष की कुछ बड़ी चुनौतियों और मुश्किल दिनों से पार पा सकी और वित्त वर्ष के दौरान बेहतर वित्तीय नतीजों का प्रदर्शन करने में कामयाब रही। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि कंपनी नई डिजिटल क्षमताओं का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। लेकिन वह परंपरागत कोर सिस्टम्स को नए युग में लाने की योजना पर भी काम कर रही है।

गौरतलब है कि एनआर नारायणमूर्ति के नेतृत्व में इन्फोसिस के संस्थापक सदस्यों और पूर्व प्रबंधन के बीच कई मसलों को लेकर तीखे मतभेद के चलते कंपनी में कई महीनों तक ऊहापोह की स्थिति रही। इन मसलों में कॉरपोरेट गवर्नेस और प्रबंधन द्वारा कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों को कथित तौर पर बेहद मोटा वेतन स्वीकृत करने के मुद्दे प्रमुख थे। संस्थापक सदस्यों और प्रबंधन में इसी टकराव के बीच कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने पिछले वर्ष अगस्त में अचानक इस्तीफा दे दिया था। सिक्का इन्फोसिस के संस्थापक सदस्यों से बाहर से आए पहले सीईओ थे। उनके बाद आर शेषासई और कुछ अन्य निदेशकों ने भी कंपनी से इस्तीफा दे दिया था।

शनिवार को हुई सालाना आमसभा में कंपनी ने इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के लिए 20.50 रुपये प्रति शेयर अंतिम लाभांश की अनुशंसा की है। पिछले वर्ष अक्टूबर में कंपनी ने प्रति शेयर 13 रुपये का अंतरिम लाभांश दिया था। विशिष्ट लाभांश को छोड़कर पिछले वित्त वर्ष के लिए कंपनी ने 33.50 रुपये, जबकि विशिष्ट लाभांश को जोड़कर कंपनी ने वित्त वर्ष के लिए 43.50 रुपये प्रति शेयर का लाभांश दिया है। उससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 25.75 रुपये प्रति शेयर का लाभांश दिया था। गौरतलब है कि कंपनी इस वर्ष शेयर बाजारों में सूचीबद्धता की 25वीं वर्षगांठ भी मना रही है।

आमसभा में शामिल नहीं हुए नारायणमूर्ति: इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति लगातार दूसरे वर्ष कंपनी की सालाना आमसभा से दूर रहे। उनके एक निकट सहयोगी ने कहा कि नारायणमूर्ति इस वक्त देश से बाहर हैं। पिछले वर्ष भी उनके अलावा कंपनी के सह-संस्थापक एस गोपालकृष्णन, एसडी शिबूलाल, के दिनेश तथा नंदन नीलेकणि सालाना आमसभा से बाहर रहे थे। पिछले वर्ष आमसभा के समय नीलेकणि कंपनी के गैर-कार्यकारी चेयरमैन नहीं थे। गौरतलब है कि कंपनी के पिछले सीईओ विशाल सिक्का के कुछ फैसलों को लेकर कंपनी प्रबंधन और नारायणमूर्ति के नेतृत्व में सह-संस्थापकों के बीच गहरे मतभेद पैदा हुए थे। इसके चलते सिक्का ने अगस्त में इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद सलिल पारेख को कंपनी का सीईओ बनाया गया।


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