नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी की घोषणा जल्द: सुरेश प्रभु
वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि जल्द नई औद्योगिक नीति से निवेश आने और देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने नई औद्योगिक नीति को अंतिम रूप दिया है, जिसकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने दी है। नई पॉलिसी साल 1991 की इंडस्ट्रियल पॉलिसी की जगह ले लेगी, जिसे जो भुगतान संकट के संतुलन की पृष्ठभूमि में तैयार किया गया था।
इंटरनेशनल एसएमई कन्वेंशन में शिरकत करते हुए प्रभु ने कहा, “हमने नई औद्योगिक नीती को अंतिम रुप दे दिया है। अब अंतरमंत्रालयी स्तर पर इस पर विचार हो रहा है।” प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देना और मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण करना है। यह विनियामक बाधाओं को कम करने के साथ ही रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगी।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि जल्द नई औद्योगिक नीति से निवेश आने और देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने उद्योगों को आश्वासन दिया कि जीएसटी से संबंधित मसलों पर काउंसिल की अगली बैठक में समाधान निकाला जाएगा।
पिछले साल अगस्त में औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने अगले दो दशकों के लिए नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार किया था। साथ ही इसका उद्देश्य विदेशी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना और सालाना 100 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई आकर्षित करना भी तय किया गया था। वहीं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के महत्व के बारे में बात करते हुए प्रभु ने कहा कि इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी क्षमता है।